Delhi Metro: 26.5 KM लंबे रूट पर बनेंगे 21 स्टेशन, रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर को मिली मंजूरी

वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक निवेश बोर्ड ने रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण के लिए आवास और शहरी कार्य मंत्रालय-डीडीए के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. 26.5 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर कुल 21 स्टेशन होंगे. इसे पूरा करने के लिए 4 साल का समय रखा गया है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2024,
  • अपडेटेड 2:02 PM IST

मेट्रो का नया कॉरिडोर उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने वाला है. इससे दिल्ली के नरेला और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा. दरअसल, भारत सरकार ने रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर के MoHUA - DDA प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

26.5 KM लंबा, 21 स्टेशन और 6231 करोड़ की लागत...

वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक निवेश बोर्ड ने रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण के लिए आवास और शहरी कार्य मंत्रालय-डीडीए के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. 26.5 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर कुल 21 स्टेशन होंगे. इसे पूरा करने के लिए 4 साल का समय रखा गया है.

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रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण में 6231 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है. इसमें दिल्ली भाग का 5685.22 करोड़ रुपये और हरियाणा भाग 545.77 करोड़ रुपये है. दिल्ली की लागत का लगभग 40% खर्चा केंद्र सरकार के हिस्से में आएगा, जिसमें अकेला डीडीए 1000 करोड़ रुपये का अनुदान देगा. बची हुई लागत में से 37.5% द्विपक्षीय/बहुपक्षीय ऋण से और लगभग 20% जीएनसीटीडी से आएगा. वहीं, हरियाणा हिस्से में प्रदेश सरकार 80% अनुदान प्रदान करेगी और बचा हुआ 20% भारत सरकार द्वारा किया जाएगा.

DTU-NIT जैसे संस्थानों में आना-जाना होगा आसान

बता दें कि इस क्षेत्र में पहले से ही दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, एनआईटी दिल्ली, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी, राजा हरीश चंद्र अस्पताल, अनाज मंडी, स्मृति वन और विभिन्न डीडीए हाउसिंग परियोजनाएं हैं. इस मेट्रो कॉरिडोर के बनने से इन सभी संस्थानों और हाउसिंग कॉलोनियों को अन्य हिस्सों से बेहद जरूरी कनेक्टिविटी मिल जाएगी.

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नरेला-बवाना में होगी वृद्धि और विकास

21 स्टेशनों वाली यह 26.5 किलोमीटर लंबी लाइन, मंजूरी के बाद 04 सालों के अंदर पूरी की जाएगी. इससे नरेला-बवाना-अलीपुर क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में बड़े पैमाने पर सुधार होगा और क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में उछाल आएगा. ये नरेला-बवाना की वृद्धि और विकास को गति प्रदान करेगा और रोहिणी की लंबे समय से लंबित आवश्यकताओं को भी पूरा करेगा.

इस कॉरिडोर से 2055 तक 3.8 लाख लोग करेंगे सफर!

रोहिणी में मौजूद सेक्टर-36 में हेलीपोर्ट, राजीव गांधी कैंसर संस्थान और अनुसंधान केंद्र, एंबियंस मॉल, स्वर्ण जयंती पार्क, सेक्टर-14 में स्पोर्ट कॉम्प्लेक्स, रोहिणी जिला न्यायालय परिसर और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला मेट्रो नेटवर्क से जुड़ेंगे. यह कॉरिडोर पूरा होने पर 2028 तक रोज आने-जाने वालों की संख्या 1.26 लाख और 2055 तक 3.8 लाख होने का अनुमान है.

ये होंगे स्टेशन

इस लाइन पर मुख्य स्टेशनों में रोहिणी के 07 सेक्टर, बरवाला, सनोथ, न्यू सनोथ और नरेला, जेजे कॉलोनी और बवाना में औद्योगिक क्षेत्र के अन्य 02 स्टेशन और नरेला क्षेत्र में 05 स्टेशन शामिल होंगे, जिसमें अनाज मंडी, नरेला डीडीए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, नरेला गांव, डिपो स्टेशन और नरेला सेक्टर-5 शामिल हैं.

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