दिल्ली के शराब घोटाले से जुड़े मामले में एडवोकेट विनोद चौहान को राउज़ एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई है. उन्हें ईडी ने अरेस्ट किया था. ईडी ने आरोप लगाया था कि विनोद चौहान ने कथित तौर पर गोवा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी को रिश्वत पहुंचाई थी. ईडी ने आरोप लगाया था कि विनोद चौहान को पता था कि ये पैसा दिल्ली शराब घोटाले से अपराध की आय है. ED ने कहा कि विनोद चौहान ने गोवा इलेक्शन के लिए हवाला के माध्यम से यह पैसा पहुंचाया था.
आरोपी वकील विनोद चौहान और अरविंद केजरीवाल के बीच संबंध पर ईडी ने कई दावे किए थे. ईडी ने कहा था कि उसे अरविंद केजरीवाल और आरोपी विनोद चौहान के बीच हुए डायरेक्ट मैसेज के सबूत मिले हैं. ईडी का कहना है कि विनोद चौहान गैर-कानूनी तरीके से कमाए गए रुपए को हैंडल कर रहे थे. ईडी ने विनोद चौहान को 3 मई को गोवा से गिरफ्तार किया था. वह एक्साइज पॉलिसी केस में गिरफ्तार किए गए 18वें व्यक्ति हैं.
कौन है विनोद चौहान?
ईडी ने विनोद चौहान पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कथित तौर पर गोवा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) को रिश्वत पहुंचाई थी. जांच एजेंसी ने बताया कि आरोपी के पास से 1.06 करोड़ रुपये कैश जब्त किए गए थे. ईडी ने कोर्ट में यह भी दावा किया था कि विनोद चौहान को पता था कि ये पैसा दिल्ली शराब घोटाले से अपराध की आय है. आरोपी ने गोवा चुनावों के लिए हवाला के माध्यम से यह पैसा पहुंचाया था.
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई को दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी थी. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 6 मार्च को पिल्लई को इस मामले में गिरफ्तार किया था. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने पिल्लई की जमानत मंजूर की.
संजय शर्मा