दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सुरक्षा और उन पर हुए हमले का मामला चर्चा का बड़ा मुद्दा बना हुआ है. हमले के तुरंत बाद उनकी सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया गया था. उन्हें जेड कैटगरी की सुरक्षा मिली हुई है, जिसकी जिम्मेदारी पहले दिल्ली पुलिस के पास थी. हमले के तुरंत बाद केंद्र ने यह जिम्मेदारी सीआरपीएफ को सौंप दी थी. नए अपडेट के मुताबिक, जेड कैटगरी में दोबारा से अब सीआरपीएफ की जगह दिल्ली पुलिस को शामिल कर लिया गया है.
आसान भाषा में कहें तो, दिल्ली के मुख्यमंत्री पर हुए हमले के समय उनके पास गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा दी गई जेड कैटेगरी सुरक्षा थी, जो दिल्ली पुलिस संभाल रही थी. हमले के अगले ही दिन MHA सूत्रों ने बताया था कि मौखिक आदेश देकर सीआरपीएफ को यह सुरक्षा देने का निर्देश दिया गया था. हालांकि अब सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ सुरक्षा वापस ले ली गई है और मुख्यमंत्री के पास पहले की तरह दिल्ली पुलिस की जेड कैटेगरी सुरक्षा ही बनी रहेगी.
गौरतलब है कि 20 अगस्त को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला हुआ था. यह घटना 'जन सुनवाई' कार्यक्रम के दौरान सिविल लाइन्स स्थित कैंप ऑफिस में हुई थी. मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस हमले को "मुख्यमंत्री की हत्या की साजिश" बताया था.
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सीएम पर हमले की जांच चल रही है और इस बीच, मामले में एक और गिरफ्तारी हुई है. पुलिस ने हमले के मुख्य आरोपी राजेश के दोस्त तहसीन सैय्यद को गुजरात के राजकोट से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि तहसीन ने आरोपी राजेश की मदद के लिए पैसे भेजे थे और दोनों लगातार संपर्क में थे.
आरोपी पहले सुप्रीम कोर्ट गया, फिर सीएम आवास और फिर...
पूछताछ में यह भी सामने आया है कि राजेश मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचने से पहले सुप्रीम कोर्ट गया था, लेकिन वहां कड़ी सुरक्षा देखकर वह वापस लौट आया. इसके बाद वह शालीमार बाग स्थित मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़ा. सूत्रों के मुताबिक, हमलावर की योजना मुख्यमंत्री पर चाकू से हमला करने की थी, लेकिन सुरक्षा कड़ी देखकर उसने चाकू सिविल लाइन्स इलाके में ही फेंक दिया.
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पुलिस सभी एंगल से कर रही मामले की जांच
अब पुलिस राजेश और उसके दोस्त तहसीन से लगातार पूछताछ कर रही है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि मामले की हर कड़ी को खंगाला जा रहा है और आरोपी की मंशा, साजिश और इसमें शामिल अन्य लोगों की संभावित भूमिका की भी जांच जारी है.
जितेंद्र बहादुर सिंह