प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के भारत मंडपम में शनिवार को देश में आकांक्षी ब्लॉकों के लिए 'संकल्प सप्ताह' कार्यक्रम की शुरुआत की. इस दौरान पीएम ने कहा, आज देश आजादी के 75 साल पूरे कर चुका है. हम 2047 में देश को विकसित भारत (डेवलम कंट्री) के रूप में देखना चाहते हैं. और डेवलम कंट्री का मतलब यह नहीं है कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई के अंदर ही भव्यता दिखे और हमारे गांव पीछे रह जाएं. हम उस मॉडल को लेकर नहीं चलते हैं. हम तो 140 करोड़ लोगों के भाग्य को लेकर चलना चाहते हैं. उनके जीवन में बदलाव करना चाहते हैं.
पीएम ने कहा, हमने पैरामीटर तय किए हैं. मैं चाहता हूं कि उसके लिए कॉम्पिटशन का भाव होना चाहिए. जब तक वैरिफाई आंकड़े ना हों... ऐसे आंकड़े भरने से कुछ नहीं होता है. उन्होंने अफसरों को गांव में जाने और लोगों की समस्याएं जानने का आग्रह किया. पीएम ने कहा, आपको अपने ब्लॉक को विकास कार्यों में आगे बढ़ाना है. जनभागीदारी के जरिए समस्याओं को खत्म करना है. इसके लिए 100 ब्लॉक को चयनित कीजिए और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर लेकर आइए. अगले साल अक्टूबर में आपसे सफलता की कहानी सुनना चाहूंगा.
'आंकड़े संतुष्टि दे सकते, बुनियादी बदलाव नहीं'
पीएम का कहना था कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम के लिए हमने बहुत ही सरल रणनीति के साथ काम किया है. अगर हम सर्वांगीण विकास और सर्वहितकारी विकास नहीं करेंगे तो आंकड़े भले ही संतुष्टि दे दें, लेकिन बुनियादी बदलाव संभव नहीं है. इसलिए, यह आवश्यक है कि हम जमीनी स्तर पर बदलाव करके आगे बढ़ें. पीएम मोदी ने आगे कहा, यह कार्यक्रम ('संकल्प सप्ताह') टीम इंडिया की सफलता का प्रतीक है. यह हर किसी के प्रयास की भावना का प्रतीक है. यह कार्यक्रम भारत के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है. इसमें संकल्प के माध्यम से सिद्धि का प्रतिबिंब है. मुझे विश्वास है कि जिस तरह एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम को सफलता मिली है, उसी तरह एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम भी 100 फीसदी सफल होगा.
पीएम मोदी ने और क्या क्या कहा...
- मेरे लिए यह कार्यक्रम जी20 शिखर सम्मेलन जितना ही महत्वपूर्ण है, जिसमें दुनिया के नेता वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे. अब हम उन लोगों की मेजबानी कर रहे हैं जो जमीनी स्तर पर बदलाव लाते हैं. आकांक्षी जिला कार्यक्रम ने देश के 112 जिलों के 25 करोड़ से ज्यादा लोगों का जीवन बदल दिया है. जीवन की गुणवत्ता में बदलाव आया है.
- अभी जो लोग यहां (भारत मंडपम) आए हैं, वो देश के दूर-सुदूर गांवों की चिंता करने वाले लोग हैं. आखिरी छोर पर बैठे हुए परिवार की चिंता करने वाले लोग हैं. उनकी भलाई के लिए योजनाओं को आगे बढ़ाने वाले लोग हैं और इसी महीने यहां वो लोग भी बैठे थे, जो दुनिया को दिशा देने का काम करते थे.
- एस्पिरेशनल ब्लॉक्स के लिए मैं राज्य सरकारों और भारत सरकार के अधिकारियों से आग्रह करूंगा कि वे इस बात पर भी ध्यान दें कि जो लोग ब्लॉक के अंदर सफल हैं, उनका भविष्य भी उज्ज्वल होना चाहिए, ताकि उनमें कुछ करने का जुनून हो. वे लोग हैं जो परिणाम लाते हैं, उन टीमों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए.
- हमें अपनी पुरानी रणनीति बदलनी चाहिए. संसाधनों का ठीक से उपयोग करना चाहिए. गांवों में फिजिकल तौर पर जाने का जो लाभ है, उसका कोई विकल्प नहीं है. वीडियो कॉन्फरेंसिंग से बचना चाहिए. स्थान पर जाने से उसकी ताकत का पता चलता है. समस्याएं समझने को मिलती हैं.
- हम भ्रम में रहते हैं कि सरकार सब कर लेगी, इस सोच से बाहर आना चाहिए. समाज की शक्ति बहुत बड़ी होती है. जिन ब्लॉक में समाज को जोड़ने की शक्ति है, वहां परिणाम जल्दी मिलते हैं. स्वच्छता अभियान को लेकर समाज में वातावरण बना है, इसलिए साफ-सफाई देखने को मिल रही है. जीवन के हर क्षेत्र में लीडरशिप की जरूरत होती है. अफसर भी लीडर होते हैं. वे भी मोटिवेट करते हैं. ब्लॉक स्तर पर लीडरशिप बनाएं,
- इस सप्ताह आपस में बैठकर बात होगी. टीम स्प्ररिट से काम करने की भावना होगी. देखते ही देखते लोग खुद समस्याओं का समाधान करने लगते हैं. जमीनी लेवल पर काम करने वाले समाज की शक्ति को पहचाने और जोड़ने के बारे में जानते हैं. इसके तरीके ढूंढने चाहिए. समस्या को निपटाने में जनभागीदारी बहुत जरूरी है.
- गुजरात के तिथि भोजन कार्यक्रम का उदाहरण दिया. गांव का जन्मदिन मनाईए. रेलवे स्टेशन की वर्षगांठ मनाइए. गांव के जिन लोगों के जन्मदिन हैं और वो बच्चों को कुछ खिलाना चाहते हैं तो उन्हें बुलाइए. जनभागीदारी बहुत जरूरी है. जरूतमंदों तक संसाधन पहुंचाने के लिए काम करना चाहिए.
- आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम में ब्लॉक पंचायतों की बहुत बड़ी भूमिका होती है. जब हर ग्राम पंचायत काम तेजी से करेगी तो ही हर ब्लॉक का विकास तेजी से होगा. जो लोग इस मिशन से जुड़े हैं, मैं सभी लोगों को बधाई देता हूं. समान आवास मॉडल का पालन करने वाले पिछले प्रशासनों के विपरीत, हमारी सरकार ने स्थानीय रूप से प्राप्त सामग्रियों के उपयोग को प्राथमिकता दी है और निर्माण में मालिक-संचालित दृष्टिकोण लागू किया है.
- पहले सरकार जब घर बनाने का कार्यक्रम करती थी तो एक मॉडल बनाती थी. हमने आकर इसे बदला कि स्थानीय लोग जिन चीजों का उपयोग करते हैं, स्थानीय जो डिजाइन होती हैं वैसे ही पीएम आवास बननी चाहिए और पैसे ऑनर को दे दिए जाएं.
- देश में 200 करोड़ से ज्यादा कोविड वैक्सीन की डोज दी गई हैं. लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि पशुओं में जो Foot and mouth disease है, उसके लिए मुफ्त में बहुत बड़ा वैक्सीनेशन का अभियान चल रहा है और पशु के लिए यह बहुत अनिवार्य भी है. विकसित भारत की एक प्रमुख शर्त है कि हमारे देश के बच्चों की उत्कृष्ट शिक्षा हो. मैं कठोर परिश्रम करने वाले और समर्पित भाव से शिक्षा के लिए जीवन जीने वाले सभी शिक्षक साथियों का अभिनंदन करता हूं.
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