दिल्ली: तिहाड़ में कोरोना विस्फोट, कैदियों को जमानत देने के लिए PIL दाखिल

याचिका में कहा गया है कि अकेले तिहाड़ में ही 12 अप्रैल को 59 कैदियों और 7 स्टाफ को कोरोना हो गया था. 5 दिनों के अंदर यानी कि 17 अप्रैल तक 117 कैदी और 14 जेल स्टाफ़ कोरोना संक्रमित हो गए थे. ऐसे में कोरोना से बचाव के लिए जेलों में कैदियों की भीड़ को कम करने की जरूरत है.

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हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर (फाइल फोटो) हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर (फाइल फोटो)

पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 6:24 PM IST
  • दिल्ली की जेलों में बंद कैदियों को मिले जमानत
  • ओवर क्राउडेड जेलों से कैदियों को जमानत पर रिहा करने की जरूरत
  • दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल

कोरोना के मद्देनजर दिल्ली की जेलों में बंद अंडर ट्रायल और सज़ायाफ्ता कैदियों को ज़मानत या पैरोल देने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है कि उनके पास हॉस्पिटल में बेड भी उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में पहले से ही दिल्ली की ओवर क्राउडेड जेलों से कैदियों को जमानत पर रिहा करने की जरूरत है.

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याचिका में कहा गया है कि अकेले तिहाड़ में ही 12 अप्रैल को 59 कैदियों और 7 स्टाफ को कोरोना हो गया था. 5 दिनों के अंदर यानी कि 17 अप्रैल तक 117 कैदी और 14 जेल स्टाफ़ कोरोना संक्रमित हो गए थे. ऐसे में कोरोना से बचाव के लिए जेलों में कैदियों की भीड़ को कम करने की जरूरत है.

दिल्ली हाईकोर्ट इस जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. हाईकोर्ट अब इस मामले में 22 अप्रैल को सुनवाई करेगा.

जरूरी मामलों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो सुनवाई: HC

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते कोरोना केसेज को देखते हुए अब सिर्फ उन्हीं मामलों की सुनवाई होगी, जो बेहद जरूरी होंगे. दिल्ली हाईकोर्ट ने एक सर्कुलर जारी करके सभी जिला अदालतों को निर्देश दिए हैं कि उन्हीं मामलों की सुनवाई वर्चुअल मोड में की जाए जो जरूरी या बेहद जरूरी हों. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने कल भी एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें हाईकोर्ट के लिए भी उन्हीं मामलों पर सुनवाई के निर्देश थे जो जरूरी हों. 

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हाईकोर्ट की तरफ से दिशा-निर्देश फिलहाल दिल्ली की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए दिए गए हैं. दिल्ली में हाईकोर्ट समेत निचली अदालतों में कई जज कोरोना से संक्रमित हैं. हाईकोर्ट में 23 अप्रैल तक के लिए फिजिकल कोर्ट पूरी तरह से बंद है और वर्चुअल माध्यम से ही मामलों की सुनवाई हो रही है.

हालांकि दिल्ली में जिस रफ्तार से हर दिन कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, लग रहा है कि अदालतों का काम अभी आगे भी वर्चुअल मोड में ही संभव हो पाएगा. न सिर्फ हाईकोर्ट बल्कि जिला अदालतों में भी फिलहाल वर्चुअल मोड में ही सुनवाई हो रही है.

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