सरकार ने बुधवार ऑक्सीजन पर स्टेटस रिपोर्ट जारी की. दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष और विधायक राघव चड्ढा ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि देश में 1631 टैंकर 8500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कैरी कर रहे हैं. इस हिसाब से दिल्ली को 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के लिए केंद्र सरकार को 187 क्रायोजेनिक टैंकर मुहैया कराना चाहिए. भारत में क्रायोजेनिक टैंकरों की कोई कमी नहीं है. क्रायोजेनिक टैंकरों की संख्या ऑक्सीजन उत्पादन से 3 गुना ज्यादा है.
उन्होंने बताया कि 1631 टैंकर कुल 23,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन को भी कहीं पर भी ले जा सकते हैं. जबकि आज इनका उपयोग मात्र 8500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लाने ले जाने में किया जा रहा है. यानी कि हमारे देश में क्रायोजेनिक टैंकर की कोई कमी नहीं है. इस आपातकाल में क्रायोजेनिक टैंकर राष्ट्रीय संपति हैं. इन क्रायोजेनिक टैंकरों पर वर्तमान में राज्य सरकारों ने कब्जा किया हुआ है. इन क्रायोजेनिक टैंकरों का ठीक से वितरण नहीं हो पा रहा है. हमारा मानना है कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार इस समय ऑक्सीजन का नियंत्रण कर रही है और वितरण कर रही है, उसी हिसाब से देशभर में क्रायोजेनिक टैंकर का नियंत्रण और वितरण जरूरत के अनुसार करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जिस प्रकार से ऑक्सीजन का नियंत्रण और वितरण कर रही है उसी हिसाब से देशभऱ में क्रायोजेनिक टैंकर का नियंत्रण और वितरण करना चाहिए. केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन का आवंटन कर दिया और टैंकरों का आवंटन नहीं किया तो ऑक्सीजन नहीं आ पाएगी. क्रायोजेनिक टैंकरों के बिना राज्यों तक ऑक्सीजन कैसे आएगी और बांटी जाएगी? उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट की फटकार के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली को अभी तक सबसे ज्यादा कल (मंगलवार) 555 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दी है जबकि हमारी जरूरत 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की है. हमारी जितनी जरूरत है, उसका 57% ही ऑक्सीजन मिल रही है.
राघव चड्ढा ने कहा कि हमें जो मंगलवार को ऑक्सीजन दी गई है, वो जुगाड़ से दी गई है. दूसरे राज्यों की ऑक्सीजन दिल्ली तक पहुंचाई गई है. ऐसे में हमें अभी भी निर्धारित स्रोत से पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. केंद्र से हमारी प्रार्थना है कि आने वाले समय में जिन-जिन प्लांटों से हमें ऑक्सीजन का आवंटन किया गया है उन प्लांटों से हमें ऑक्सीजन पहुंचाई जाए. ऐसा ना हो कि हाईकोर्ट जब-जब केंद्र सरकार को डांट लगाएं केवल उसी दिन हमें ऑक्सीजन मिले.
उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने एसओएस कॉल के जरिए 48 अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचाई है. इससे 4036 मरीजों की जान बचाई जा सकी है.
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