80 के दशक के बाद ये पहला मौक़ा है, जब दुनिया के बीस सबसे ताक़तवर देशों के नेता दिल्ली में एक साथ एक ही छत के नीचे पूरे दो दिन रहेंगे. भारत मंडपम के अंदर इन दो दिनों में जो भी बातचीत हो लेकिन इस दौरान पूरी दिल्ली खासकर दिल्ली के कुल 35 किलोमीटर के इलाके में पांच हजार सीसीटीवी कैमरा, स्पेशल कंट्रोल रूम और पचास हज़ार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी, K9 डॉग स्क्वॉड और घुड़सवार पुलिस की सहायता से जी-20 समिट के दौरान कड़ी निगरानी रखी जाएगी.
ज़मीन के नीचे से लेकर ज़मीन के ऊपर तक, रोशनी से लेकर हवा तक, 35 किलोमीटर के दायरे में झांकने वाली हर खिड़कियों तक.. जहां भी ज़रा से खतरे का अहसास होगा, उससे निपटने और उसे निपटाने की भरपूर तैयारी हो चुकी है. दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने 9-10 सितंबर को होने वाले शिखर सम्मेलन की विभिन्न तैयारियों का जायजा लेने के लिए दिन के दौरान राजघाट और प्रगति मैदान का दौरा किया.
बायो वेपन से लेकर केमिकल वेपन तक से निपटने की तैयारी
जी-20 के मद्देनज़र की जा रही कुछ तैयारियां तो ऐसी हैं, जो दिखाई तक नहीं देंगी. जमीन और आसमान के अलावा हवा तक पर नजरें हैं कि कहीं इस हवा को कोई जहरीला ना बना दे. बायो वेपन से लेकर केमिकल वेपन तक से कैसे निपटना है इसके लिए भी दिल्ली पूरी तरह से तैय़ार है. दिल्ली में प्रगति मैदान से लेकर के प्रधानमंत्री निवास के पूरे एरिया को नो फ्लाइंग जोन में डाला गया है यानी कोई भी ऐसा ऑब्जेक्ट जिसे रिमोट से कंट्रोल किया जा रहा है वह इस इलाके में उड़ेगा तो उसे फौरन गिरा दिया जाएगा. इसके लिए एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाया गया है.
G20 में शामिल कौन-कौन से देश, किस देश से कौन राष्ट्रीय अध्यक्ष पहुंच रहे दिल्ली? देखें लिस्ट
होटल पर कोई हमला हुआ तो...
अगर मेहमानों के होटल पर कोई हमला होता है तो वहां से उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए वायूसेना के च़ॉपर को भी तैयार रखा गया है. साथ ही हर होटल में अंदर और बाहर खास ट्रेंड कमांडो भी मौजूद होंगे. इसके अलावा विदेशी मेहमानों के अपने सीक्रेट सर्विस और सुरक्षा के इंतजाम अलग हैं. जी-20 में शामिल होने जा रहे मेहमानों के लिए दिल्ली पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्सेज, एनएसजी, सीआरपीएफ की टीम तो हैं ही, साथ ही आईबी और रॉ से भी लगातार इनपुट लिए जा रहे हैं. इतना ही नहीं सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय खुफिया एजेंसियां ब्रिटेन की एमआई6, रूस की केजीबी, अमेरिका की सीआईए और इजराइल की मोसाद जैसी एजेंसियों के साथ भी बराबर संपर्क में हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल
एजेंसियां साइबर अटैक को लेकर भी पूरी तरह से सतर्क हैं एक्सपर्ट की एक टीम लगातार ऐसे खतरों पर नजर बनाए हुए हैं. खास तौर से उन होटलों में साइबर एक्सपर्ट की टीम कड़ी नजर रखे हुए है, जहां पर विदेशी मेहमानों को ठहराया जाएगा. होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि संदिग्धों की पहचान तुरंत की जा सके. होटल में जो स्टॉफ वीवीआईपी मेहमानों की देखभाल करेगा, उनकी कई बार वेरिफिकेशन की जा चुकी है.
G20 में कितने देशों की सदस्यता है? क्या आपको पता है इन सवालों का सही जवाब
भारतमंडपम के पूरे रास्ते पर तैनाती
सुरक्षा के मद्देनजर होटल से भारतमंडपम यानी प्रगति मैदान तक के पूरे रास्ते को अलग-अलग ज़ोन या वैन्यू में बांट दिया गया है. हर ज़ोन या वैन्यू की सुरक्षा का जिम्मा अलग-अलग कमांडरों को सौंपा गया है. हर कमांडर विदेशी मेहमानों के सुरक्षाकर्मियों से सीधे संपर्क में रहेगा. यह सभी कमांडर आईपीएस अफसर होंगे. जिन होटलों में वीवीआईपी मेहमानों को रखा गया है वहां पर हर फ्लोर के लिए अलग स्टाफ है. यहां तक की जो कार्ड उन्हें दिया गया है वह खास जी-20 के लिए बनाया गया है. कोई भी स्टाफ अपनी मर्जी से ना तो घूम पाएगा और ना ही एक से दूसरे फ्लोर पर जा पाएगा.
5,000 से अधिक सीसीटीवी
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने एलजी को सुरक्षा तैयारियों और कंट्रोल रूम के बारे में जानकारी दी, जहां शहर के विभिन्न हिस्सों में लगाए गए 5,000 से अधिक सीसीटीवी द्वारा कैप्चर किए गए लाइव फुटेज प्राप्त होंगे.” उन्होंने कहा, "25 सुरक्षाकर्मियों वाली दो टीमें चौबीसों घंटे कंट्रोल रूम में प्रसारित होने वाली डिजिटल इंफॉरमेशन की निगरानी करेंगी." अधिकारी ने कहा, कंट्रोल रूम को जिलेवार विजुअल मिल रहे हैं और दो टीमें चौबीस घंटे फीड की निगरानी करेंगी. शहर में विकास की निगरानी के लिए 30 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के लिए एक विशेष कमांड रूम भी स्थापित किया गया है.
400 से अधिक क्विक रिस्पॉन्स टीम
दिल्ली पुलिस ने शिखर सम्मेलन के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की है और कई सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय कर रही है. इसे भारतीय वायु सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और कुछ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) जैसी विशेष केंद्रीय एजेंसियों द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है. अधिकारियों ने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) द्वारा आयोजित चार सप्ताह के विशेष प्रशिक्षण सत्र को पूरा करने वाली कुल 19 निशानेबाजों को भी शहर के रणनीतिक स्थानों पर शिखर सम्मेलन के दौरान तैनात किया जाएगा. इसके अलावा, अग्निशामकों और एम्बुलेंस के साथ 400 से अधिक क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया जा रहा है.
G20 Summit के दौरान दिल्ली-NCR में क्या खुलेगा-क्या रहेगा बंद? 25 प्वाइंट्स में समझें
अन्य देशों में हुए विरोध प्रदर्शनों का किया गया मूल्यांकन
मेगा-इवेंट की तैयारियों के तहत, पुलिस ने पिछले जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान अन्य देशों में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय समूहों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों का व्यापक मूल्यांकन भी किया है. अधिकारियों ने कहा कि शिखर सम्मेलन के दौरान अवांछित और अनिर्धारित आंदोलनों से निपटने के लिए पुलिस चेन और बोल्ट कटर का भी उपयोग करेगी. विभाग ने पहले कहा था कि जहां तक आयोजन स्थल की सुरक्षा व्यवस्था का सवाल है, विशेष पुलिस आयुक्त-रैंक के अधिकारी कमांडर के रूप में काम करेंगे और पुलिस उपायुक्त-रैंक के अधिकारी जोनल कमांडर के रूप में काम करेंगे.
एयरपोर्ट पर भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
भारतमंडप के अलावा इंदिरा गंधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. विदेशी मेहमानों के आने और जाने के दौरान बहुत सी उड़ानों पर भी इसका असर पड़ सकता है. एयरपोर्ट के रनवे से लेकर हैंगर तक पर सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी निगाहें हैं. किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए दिल्ली के तीन अस्पतालों में खास तैयारी की गई है. इन अस्पतालों में आर्मी की टीम को भी तैनात किया गया है, जो जैविक हमले में घायल लोगों का इलाज करेगी. RML अस्पताल को वीवीआईपी डिलेगेट्स और हेड ऑफ स्टेट के लिए खास तौर पर तैयार किया गया हैं. अगर कोई हेल्थ इमरजेंसी आती है तो वीवीआईपी कमरे तैयार किए हैं, जहां 24 घंटे डॉक्टर और हेल्थ स्टाफ ड्यूटी पर तैनात रहेंगे.
aajtak.in