दिल्ली में बढ़ते तापमान के साथ बढ़ रही बिजली की मांग, पीक पावर डिमांड 6732 मेगावाट पहुंची

दिल्ली में बढ़ते तापमान के साथ बिजली की मांग भी बढ़ गई है. दिल्ली में 15 मई की रात 11.36 बजे तक पीक पावर डिमांड 6732 मेगावाट तक पहुंच गई.

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बढ़ी बिजली की मांग (प्रतीकात्मक तस्वीर) बढ़ी बिजली की मांग (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2022,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST
  • 15 मई की रात 6732 MW रही पीक पावर डिमांड
  • कूलिंग उपकरणों का बढ़ता उपयोग वजह

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सूर्य की किरणें कहर बरपाने लगी हैं. दिल्ली में अधिकतम तापमान में इजाफा होने के साथ ही बिजली की मांग भी बढ़ने लगी है. तापमान के साथ बिजली की मांग भी हर रोज नया रिकॉर्ड बनाने को आतुर नजर आ रही है. 15 मई की रात बिजली की मांग 6732 मेगावाट तक पहुंच गई. बिजली की ये मांग इस साल मई के महीने में अब तक की सबसे अधिक डिमांड है.

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जानकारी के मुताबिक दिल्ली में 15 मई की रात 11 बजकर 36 मिनट तक पीक पावर डिमांड 6732 मेगावाट रही. बताया जा रहा है कि दिल्ली में इस साल मई के महीने में ये अब तक की सबसे अधिक डिमांड है. बिजली विभाग के मुताबिक इससे पहले दिल्ली में सबसे अधिक पीक पावर डिमांड 6572 मेगावाट दर्ज किया गया था. ये पीक पावर डिमांड 11 मई को रिकॉर्ड किया गया था.

बिजली विभाग की मानें तो अब तक की सबसे हाई पीक पावर डिमांड तीन साल पहले यानी 2019 में रिकॉर्ड की गई थी. साल 2019 में पीक पावर डिमांड 7409 मेगावाट तक पहुंच गई थी. पीक पावर डिमांड में रिकॉर्ड इजाफे के पीछे बढ़ते तापमान के कारण कूलिंग उपकरणों के बढ़ते उपयोग को वजह बताया जा रहा है. तापमान बढ़ने के कारण कूलिंग उपकरणों का उपयोग भी बढ़ा है.

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बता दें कि दिल्ली में बिजली की मांग बढ़ने के साथ ही इसकी आपूर्ति को लेकर भी राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई थी. देश में कोयला संकट के कारण बिजली उत्पादन को लेकर चिंता के बीच दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा था. दिल्ली के बिजली मंत्री की ओर से केंद्र को लिखे पत्र में ये मांग की गई थी कि केंद्र शासित प्रदेश को बिजली की आपूर्ति करने वाली बिजली इकाइयों को पर्याप्त कोयले की आपूर्ति की जाए.

दिल्ली के बिजली मंत्री के पत्र के जवाब में केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने गलत आंकड़े फैलाकर दहशत का माहौल बनाने की कोशिश का आरोप लगा दिया था. एनटीपीसी ने भी बयान जारी कर ये साफ किया था कि कोयले की कोई कमी नहीं है और उसकी दादरी और ऊंचाहार परियोजना पूरी क्षमता के साथ बिजली उत्पादन कर रही हैं.

 

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