दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में आज से नर्सों का आंदोलन, जानिए क्या है डिमांड

कोरोना संकट के बीच दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की नर्सें आज से आंदोलन कर रही हैं. हालांकि, कोई प्रदर्शन नहीं हो रहा है, लेकिन नर्सें काली पट्टी बांधकर काम कर रही हैं.

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आउटसोर्सिंग के खिलाफ प्रदर्शन करतीं सफदरजंग की नर्सें आउटसोर्सिंग के खिलाफ प्रदर्शन करतीं सफदरजंग की नर्सें

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2021,
  • अपडेटेड 1:18 PM IST
  • काली पट्टी बांधकर काम कर रही हैं नर्से
  • आउटसोर्सिंग के खिलाफ चल रहा आंदोलन

कोरोना संकट के बीच दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल की नर्सें आज से आंदोलन कर रही हैं. हालांकि, कोई प्रदर्शन नहीं हो रहा है, लेकिन नर्सें काली पट्टी बांधकर काम कर रही हैं. नर्सों की यूनियन ने सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखकर आउटसोर्सिंग से नर्सों की भर्ती रोकने की मांग की है.  

Today all the nurses in safdarjung hospital protested against outsource recruitment by wearing black badges.@the_hindu @ZeeNews @SJHDELHI @MoHFW_INDIA @ANI @docvjg @BBCHindi @PMOIndia @premrose2 @drharshvardhan @ArvindKejriwal @premrose2 pic.twitter.com/FQ3vs43U77

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— Nursing officer Rajendra sehra (@Rajendr22738671) June 4, 2021

गौरतलब है कि दिल्ली नर्सेज यूनियन की अध्यक्ष प्रेम रोज़ और महासचिव जीके खुराना ने सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को वर्तमान में चल रही नर्सों की भर्ती की प्रक्रिया के खिलाफ एक पत्र लिखा था. पत्र में यूनियन ने कहा कि अस्पताल प्रशासन हमारी बातों को व्यक्तिगत रूप से सुनने का समय दें क्योंकि यह मामला गंभीर है. 

#stop_outsource_recruitment vacancy of nurses in safdarjung hospital.... Today protest with black badge@PMOIndia @narendramodi @SJHDELHI @MoHFW_INDIA @anjanaomkashyap @ravisndtv @drharshvardhan #stop_outsourcing pic.twitter.com/W5i7rcbNYx pic.twitter.com/POFr8RFaxW

— Sitaram Saini (@Sitaram84518577) June 4, 2021

नर्सों की यूनियन ने कहा था कि आउटसोर्सिंग के खिलाफ मरीजों की देखभाल को बाधित किए बिना अपना विरोध दर्ज कराने के लिए काले बैज के साथ काम करेंगे. फिर इस विरोध को 2 घंटे की स्ट्राइक में बदला जाएगा. यूनियन ने कहा था कि हम इस कोविड संकट के समय में भारी मन से ऐसा कर रहे होंगे क्योंकि हम ऐसा करने के लिए मजबूर हैं.

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