दिल्ली में दिवाली पर हई आतिशबाजी का हवा पर गंभीर असर पड़ा है. यही वजह है कि शनिवार को भी दिल्ली की हवा की गुणवत्ता अभी भी 'गंभीर (Severe)' श्रेणी में है. शनिवार सुबह AQI यहां 533 'गंभीर' पर रहा. सुबह 9.47 पर यह घटकर 456 पर आ गया. हालांकि, शुक्रवार की तुलना में यह कम है. दिवाली की अगली सुबह अधिकतम 999 पर पहुंच गया था.
दिल्ली में शनिवार को शुक्रवार की तरह घना कोहरा छाया रहा. सिर्फ दिल्ली ही नहीं शुक्रवार को गाजियाबाद नोएडा तक ज्यादातर जगहों पर एक्यूआई का स्तर 999 था. इसके अलावा पटाखे चलने के चलते धुंए का कोहरा हर तरफ छाया था और विजिबिलिटी बेहद कम थी.
सोमवार तक हवा की गुणवत्ता में सुधार की संभावना नहीं
SAFAR के डेटा के मुताबिक, सुबह 9.47 तक AQI 456 पर पहुंच गया. जो गंभीर श्रेणी में है. हालांकि, दोपहर तक स्थिति में सुधार होने की संभावना है क्योंकि तेज हवा चलने की संभावना है. लेकिन हवा की दिशा उत्तर पश्चिम से है जो दिल्ली में पराली जलाने वाला प्रदूषण लाएगी. चूंकि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के बिंदुओं की संख्या अभी भी अधिक है, इसलिए यह संभव नहीं है कि सोमवार से पहले हवा की गुणवत्ता में भारी सुधार हो.
बैन के बावजूद हुई आतिशबाजी
राजधानी दिल्ली में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर बहुत खराब होने के चलते सरकार ने ग्रीन पटाखों की बिक्री और चलाने की भी अनुमति नहीं दी थी. वहीं, दिल्ली से सटे हरियाणा के जिलों में भी पटाखों पर पाबंदी थी. इसके बावजूद दिल्ली एनसीआर में दिवाली पर जमकर आतिशबाजी की गई थी.
आतिशबाजी पर हुई राजनीति
दिल्ली में हुई आतिशबाजी को लेकर दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा, भाजपा के नेताओं ने धर्म के नाम पर लोगों को आतिशबाजी करने के लिए धमकाया. वहीं, दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है की मंत्री गोपाल राय के लगातार दिए जा रहे पटाखा विरोधी बयान उनकी ओरंगजेबी सोच के प्रमाण हैं. दिल्ली की जनता ने कल रात पटाखे जला कर इसी ओरंगजेबी सोच को झटका दिया है.
कुमार कुणाल