राजधानी दिल्ली में एक मंदिर के बाहर बने अवैध निर्माण को लेकर आम लोग और प्रशासन आमने-सामने है .गुरुवार को पूर्वी दिल्ली के मंडावली इलाके में बने शनि मंदिर के बाहर लगी अवैध रेलिंग को तोड़ने पहुंचे प्रशासन का लोगों ने जबरदस्त विरोध किया और जमकर नारेबाजी की. स्थानीय लोगों और सुरक्षाकर्मियों के बीच इसे लेकर झड़प भी हुई. लोगों की भारी संख्या को देखते हुए स्थानीय पुलिस के साथ भारी संख्या में पैरामिलिट्री फोर्स भी मौके पर तैनाती की गई है.
जिस समय प्रशासन अपनी कार्रवाई के लिए पहुंचा उस समय मंदिर में महिलाएं भजन गा रही थीं. लोगों ने प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करते हुए जय श्रीराम के नारे लगाए. पूर्वी दिल्ली के डीएम ने कहा कि यहां सिर्फ रेलिंग हटाएं आए थे और इसे हटाने का काम जारी है. प्रशासन के मुताबिक, मंदिर नही तोड़ना है, मकसद सिर्फ रेलिंग हटा कर फुटपाथ क्लियर करना था.
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर यहां वर्षों से है लेकिन अभी तक किसी ने नहीं कहा कि यहां अवैध निर्माण हुआ है. पुरुषों से लेकर महिलाओं तक ने अवैध निर्माण कार्य को तोड़ने का विरोध किया और जमकर नारेबाजी की.
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने मंदिर के अवैध निर्माण के खिलाफ चल रही कार्रवाई को लेकर एलजी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा,'मंडावली के साथ-साथ 10 और मंदिर तोड़े जाने का आदेश LG और केंद्र सरकार ने दिया है. आम आदमी पार्टी ने इसका विरोध किया है. LG ख़ुद को दिल्ली का राजा और शहंशाह समझने लगे हैं कि वो अब लोगों की धार्मिक आस्था के साथ खेल रहे हैं.'
वहीं आप के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इसके लिए दिल्ली सरकार और PWD को जिम्मेदार ठहराया है. सचदेवा ने कहा, 'आतिशी की आदन है झूठ बोलना. PWD मंडावली में कार्रवाई कर रही है और ये अरविंद केजरीवाल का हिंदू विरोधी चेहरा है. ये हरकत किसी मस्जिद पे होती तो ये कभी न बोलते.Pwd को रोक लेते दोनों.हमारे 2 पार्षदों को चोट लगी है. ऐसी किसी हरकत का विरोध करेंगे.उत्तर पूर्वी दिल्ली मे भी ऐसा ही किया गया था लेकिन हमारे सांसद और दूसरे लोगों को कॉन्फिडेंस मे लिया गया.'
(इनपुट- अमरजीत और पंकज जैन)
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