दिल्ली: 12 जोन में बने कंट्रोल रूम जलभराव पर रखेंगे नजर, ये है MCD का मॉनसून एक्शन प्लान

दिल्ली नगर निगम मानसून आने से पहले गाद निकालने का 70 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है और 15 जून से पहले प्रथम चरण का गाद निकालने का काम पूरा करने की तैयारी कर ली है. अधिकांश नालों से गाद निकालने का काम आउटसोर्सिंग के माध्यम से किया जा रहा है. इस काम में एजेंसियां ​​गाद निकालने के लिए खुदाई करने वाली मशीनों/जेसीबी, पोकलेन, मैनुअल लेबर का इस्तेमाल करती हैं और परिवहन की गई गाद को एसएलएफ साइट्स पर भेजा जाता है.

Advertisement
दिल्ली एमसीडी की फाइल फोटो. दिल्ली एमसीडी की फाइल फोटो.

राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2024,
  • अपडेटेड 11:44 PM IST

दिल्ली में मॉनसून हर बार जून के आखिर में आता है. इस बार भी जून में मॉनसून आने की उम्मीद है. इससे पहले एमसीडी ने बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए व्यापक मानसून कार्य योजना तैयार की है. MCD ने बताया कि एक्शन प्लान में
नालों की सफाई, जलभराव वाले हॉटस्पॉट की पहचान और जलभराव की घटनाओं की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनेंगे. दावा है मानसून कार्य योजना के अनुसार, गाद निकालने का काम जोरों पर है और पहले चरण में गाद निकालने का कार्य 70 प्रतिशत पूरा कर लिया है.

Advertisement

दिल्ली नगर निगम मानसून आने से पहले गाद निकालने का 70 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है और 15 जून से पहले प्रथम चरण का गाद निकालने का काम पूरा करने की तैयारी कर ली है. अधिकांश नालों से गाद निकालने का काम आउटसोर्सिंग के माध्यम से किया जा रहा है. इस काम में एजेंसियां ​​गाद निकालने के लिए खुदाई करने वाली मशीनों/जेसीबी, पोकलेन, मैनुअल लेबर का इस्तेमाल करती हैं और परिवहन की गई गाद को एसएलएफ साइट्स पर भेजा जाता है.

कंट्रोल रूम की स्थापना

मानसून के दौरान मुख्यालय स्तर पर और साथ ही सभी 12 क्षेत्रों में कंट्रोल रूम चालू रहते हैं. उपायुक्त सहित सभी क्षेत्रीय प्रमुखों को बारिश के दौरान सतर्क रहने और संसाधनों उपलब्ध कराने व कर्मचारियों की तैनाती के संबंध में तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.

Advertisement

वार्ड स्तर पर टीमें गठित की गई हैं, जिनमें जेई इंचार्ज, नाला/वर्क्स बेलदार और वार्ड के मेट शामिल हैं. जेई स्टोर पर शिफ्ट में पर्याप्त मैनपावर रहेगी, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में जलभराव की समस्या से निपटा जा सके.

स्थायी और अस्थायी पंपों की स्थिति

मानसून के मौसम में सभी स्थायी पंपिंग स्टेशनों पर 24x7 स्टाफ उपलब्ध रहेगा. कुल स्थायी पंप 72 और अस्थायी पंप 465 हैं. प्रत्येक निगम स्टोर पर टीमें बनाई गई हैं, जिनके पास अपने क्षेत्र में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त पंप हैं. मानसून शुरू होने से पहले पंपों का रखरखाव और पंपिंग स्टेशनों पर सम्पवेल का सफाई का काम पूरा कर लिया गया है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement