दिल्ली ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने सोमवार को एक बोर्ड मीटिंग में यह फैसला लिया कि अब राजधानी में चलने वाली हर टैक्सी या कैब में चाइल्ड लॉक सिस्टम की जानकारी देने वाले स्टीकर्स लगाना अनिवार्य होगा. ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विसेज में महिलाओं के साथ हुई छेड़छाड़ और रेप की वारदातों को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाया गया है. दिल्ली में अब उन्हीं कैब को चलने की परमिट दी जायेगी, जिनमें ये स्टीकर्स लगे होंगे.
कैब पर लगने वाले स्टीकर्स पर चाइल्ड लॉक सिस्टम संबंधित सभी जानकारी होनी चाहिए. साथ ही इसे अनलॉक करने का तरीका भी लिखा होना चाहिए. मोटर लाइसेंस आफिस को भी जल्द ही इस बाबत सूचित कर दिया जायेगा कि उन टैक्सी या कैब को परमिट न दिया, जिनमें ये स्टीकर्स नहीं लगे हैं. दिल्ली सरकार इस पर नोटिफिकेशन जारी करने की तैयारी में है.
दिल्ली महिला आयोग के सुझाव के बाद ये कदम उठाया गया है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद का कहना है कि टैक्सी और कैब में चाइल्ड लॉक की जरूरत नहीं है और खासतौर पर जब अकेली महिला या लड़की सफर कर रही हो. चाइल्ड लॉक के रहते कैब में महिलाएं सुरक्षित नहीं रहती हैं. अगर ड्राइवर चाहे तो कहीं भी अकेले सुनसान रास्ते पर महिला के साथ कुछ भी कर सकता है. इसलिए हमारा मानना है कि चाइल्ड लॉक कैब में होना ही नहीं चाहिए.
दिल्ली महिला आयोग चाइल्ड लॉक फीचर को कैब से पूरी तरह हटाने के पक्ष में है. अगर ऐसा नहीं होता है, तो कैब में ये स्टीकर्स कम से कम महिला सवारियों को चाइल्ड लॉक से संबंधित सभी जानकारी देंगे. ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं होता कि चाइल्ड लॉक क्या है? लिहाजा इसे लॉक या अनलॉक करने की जानकारी जरूरी बेहद जरूरी है. दिल्ली में हर रोज करीब दो लाख कैब चलती हैं. ऐसे में इस नियम का ऐलान कर इसकी जिम्मेदारी दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को सौपी जाएगी.
स्मिता ओझा