दिल्ली की आम आदमी पार्टी(AAP) सरकार के कथित 2,000 करोड़ के घोटाला मामले पर विवाद बढ़ता जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी के नेता मंगलवार को पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने पहुंचे. भाजपा नेता थाने पहुंच इस कथित घोटाले के संबंध में एफआईआर दर्ज कराने जा रहे हैं.
बीजेपी नेताओं की मांग है कि इस मामले की जांच की जाए. बीजेपी नेताओं ने इस संबंध में पार्लियामेंट स्ट्रीट के डीसीपी को भी शिकायत सौंपी है. दरअसल मनोज तिवारी ने एक आरटीआई का हवाला देते हुए केजरीवाल सरकार पर शिक्षा के नाम पर 2,000 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया था. उन्होंने इस मामले में केजरीवाल और सिसोदिया से इस्तीफा देने की मांग की थी.
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा था कि एक आरटीआई से पता चला है कि स्कूलों में कमरों के निर्माण के लिए अतिरिक्त 2000 करोड़ रुपये दिए गए थे, जो केवल 892 करोड़ रुपये में बनाए जा सकते थे. जिन 34 ठेकेदारों को टेंडर दिए गए उनमें उनके रिश्तेदार शामिल हैं.
तिवारी के आरोप पर आप ने भी हमलावर रूख अपना लिया था. अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि अगर हमने गलत किया है तो हमें गिरफ्तार कर लें. सीबीआई ने सारी फाइल चेक कर रखी है. उन्हें कुछ नहीं मिला.
मनोज तिवारी के आरोपों पर पलटवार करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 24 घंटे में गिरफ्तार करने की चुनौती दी थी. सिसोदिया ने कहा था कि यदि दिल्ली में इतने बड़े घोटाले के आरोपी सरेआम घूम रहे हों, तो यह बेहद शर्मनाक होगा.
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