Corona Effect: क्या वैक्सीन के बाद ही उबरेगी दिल्ली की होटल इंडस्ट्री? जानिए क्या कहते हैं होटल मालिक

CoronaVirus संकट के चलते दिल्ली में विदेशियों की आवक ना के बराबर है. साल 2020 बुरी यादों के साथ महीने भर बाद तारीख बन जाएगा. लेकिन सबसे ज्यादा सालता रहेगा उन लोगों को, जो होटल व्यवसाय (Hotel Industry) से जुड़े हैं.

Advertisement
प्रतीकात्मक तस्वीर (PTI) प्रतीकात्मक तस्वीर (PTI)

राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली ,
  • 04 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 4:09 PM IST
  • कोरोना के कहर से दिल्ली की होटल इंडस्ट्री बेहाल
  • क्या वैक्सीन से ही उबरेगी होटल इंडस्ट्री
  • 'स्टाफ की सैलरी निकालना तक मुश्किल'

दिल्ली देश का दिल यूं ही नही है. दिल्ली का गांधीनगर रेडीमेड कपड़ा कारोबार एशिया में सबसे पहले नंबर पर है तो पुरानी दिल्ली में लेडीज शादी-ब्याह के कपड़ो की सबसे बड़ी मार्केट है. लिहाजा देशी ही नही बल्कि विदेशी बिजनेसमैन भी दिल्ली का रूख करते हैं. लेकिन फरवरी 2020 से विदेशियों की आवक ना के बराबर है. साल 2020 बुरी यादों के साथ कुछ दिन बाद तारीख बन जाएगा. लेकिन सबसे ज्यादा सालता रहेगा उन लोगों को, जो होटल व्यवसाय से जुड़े हैं. 

Advertisement

ज्यादातर विदेशी टूरिस्ट साइट सीन देखने, हिस्टोरिकल मॉन्यूमेंट को निहारने या फिर कारोबार के मकसद से दिल्ली का रूख करते हैं. इंटरनेशनल, एनआरआई कस्टमर को लेकर ट्रैवल एजेंसीज़ के ग्रुप दिल्ली आते हैं, विदेशी खुद भी बाहर से घूमने या फिर शॉपिंग के लिए आते हैं. यही वजह है कि दिल्ली विदेशियों का सेंटर प्वाइंट है. होटल इंडस्ट्री में दीवाली के बाद नवंबर से मार्च तक फॉरेन टूरिस्ट का पीक सीजन होता है. इसी समय 60 से 70 फीसदी बिजनेस भी होता लेकिन अब पहाड़गंज के होटलों में विदेशी टूरिस्टों का एक भी कमरा बुक नही है. फॉरेनर्स की पहली पसंद दिल्ली का पहाड़गंज इलाका है. जबकि पैसे वाले विदेशी नई दिल्ली के फाइव स्टार होटल में ठहरते हैं.

कोरोना काल में अप्रैल से अगस्त तक होटल बंद रहे हैं. जबकि दिल्ली सरकार ने अगस्त के आखिरी हफ्ते में होटल शुरू करने की अनुमति दी. सितंबर में होटल खोले गए और मेंटेनेंस के साथ ही तमाम एसओपी को होटलवालों ने फॉलो भी किया. लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी वो नुकसान में जा रहे हैं.  

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV  

पहाड़गंज में एम्पायर होटल के मालिक हरप्रीत सिंह का कहना है "मेरे होटल में कुल 62 रूम हैं सिर्फ 4 बुक हैं. यहां कभी 80 प्रतिशत फॉरेनर और 20 प्रतिशत इंडियन के कमरे बुक होते थे. लेकिन अब काफी समय से फॉरेंन क्लाइंट नही आ रहै हैं. कोरोना वैक्सीन लगेगी तो टूरिस्ट भले ही कम आए. बिजनेस करने वाले तो ज़रूर आएंगे वैसे इंटरनेशनल एयरलाइंस खुलने से काफी फर्क पड़ने की उम्मीद है."

उन्होंने आगे कहा कि जब तक 60-70 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी नहीं रहती, तब तक होटल सर्वाइव नहीं कर सकता है. सोचा था होटल खुलते ही खर्चे की फिक्स कॉस्ट निकलेगी, स्टाफ का खर्चा निकलेगा. मेरे पास 20 का स्टाफ है जो कि 20 साल से काम कर रहा है. उन्हें निकाल नहीं सकते.  लेकिन अब स्टाफ की सैलरी निकालना मुश्किल होता है. 

वहीं, करोलबाग़ होटल इम्परर के मालिक और करोलबाग़ होटल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जगप्रीत सिंह का दावा है कि 'लॉकडाउन के बाद से ही होटल इंडस्ट्री पूरी तरह से ठप हो चुकी थी, अगस्त के महीने से सरकार ने होटल खुलने की अनुमति दी.  केवल 60 प्रतिशत होटल खुले हैं. 40 प्रतिशत अभी नही खुले हैं. खुलने वालों में करीब 50 फीसदी बंद होने की कगार पर हैं. फॉरेन टूरिस्ट की संख्या नगण्य है. इंडियन 5 से 10 आना शुरू हुए थे लेकिन दिल्ली के प्रदूषण, किसानों के प्रोटेस्ट से अब वो भी नहीं आ रहे हैं. होटल इंडस्ट्री में सर्वाइवल मुश्किल है.'  

Advertisement

जगप्रीत का कहना है सैलरी और स्टाफ रखना पड़ता है. चाहे एक गेस्ट आए या 10. ना केवल गेस्ट को रिसीव करने के लिए बल्कि सरकार की एसओपी को फॉलो करने के लिए भी स्टाफ की जरूरत पड़ती है. काफी होटल वाले दोबारा होटल बंद करने का मन बना लिए हैं. सरकार की गाइडलाइन डोमेस्टिक और इंडियन दोनों के लिए एक ही है. लेकिन किसी भी फॉरेनर के आने पर सरकार के एफआरआरओ सेक्शन को सूचित करना पड़ता है.  

उधर, जामा मस्जिद गेट नंबर 1 के ठीक सामने 1962 से चल रहा हाज़ी होटल साइट सीन के लिए विदेशियों के बीच काफी मशहूर है. हाज़ी होटल मालिक हाज़ी मिया फैय्याजुदीन ने कहा, "ज्यादातर विदेशी पुरानी दिल्ली के इसी होटल में ठहरते हैं. जब से कोरोना फैला तब से 8 महीने हो गए कारोबार बिल्कुल खराब है. एक भी मुसाफिर नहीं है. विजिटर और कारोबारी बिहार, यूपी, राजस्थान, कोलकाता, केरल और चेन्नई से आकर यहां ठहरते थे. लेकिन बस, ट्रेन बंद हो जाने वो यहां नहीं पहुंच रहे. कोरोना कम हुआ या फिर खत्म होगा तो विदेशी फिर रूख करेंगे. वो डर की वजह से नहीं आ रहे हैं." 

ये भी पढ़ें-

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement