मोतिहारी में जॉर्ज ओरवेल की प्रतिमा क्षतिग्रस्त, अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज

विश्व प्रसिद्ध लेखक जॉर्ज ओरवेल की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने के बाद तोड़-फोड़ करने वाले अज्ञात लोग उसका एक हिस्सा भी अपने साथ लेकर चले गए, जबकि साइट पर तैनात सुरक्षा गार्डों द्वारा रोके जाने के बावजूद उन्होंने बाकी हिस्से को कुएं में फेंक दिया.

Advertisement
मोतिहारी स्थित जॉर्ज ओरवेल के घर पर उनकी प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया (फोटो-रोहित) मोतिहारी स्थित जॉर्ज ओरवेल के घर पर उनकी प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया (फोटो-रोहित)

रोहित कुमार सिंह

  • मोतिहारी,
  • 14 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST
  • पुलिस ने अर्धप्रतिमा का हिस्सा बरामद कर लिया
  • 2010 में मोतिहारी में उनकी प्रतिमा लगाई गई
  • जॉर्ज ओरवेल जन्म के 6 महीने बाद इंग्लैंड चले गए

दुनिया के चर्चित किताबों में से एक किताब '1984' के विश्व प्रसिद्ध लेखक जॉर्ज ओरवेल की अर्धप्रतिमा को पिछले दिनों (9 जनवरी) उनके जन्मस्थान बिहार के मोतिहारी जिले में कुछ अज्ञात लोगों ने तोड़ डाला था. 

मोतिहारी में ओरवेल का घर, जहां उनका जन्म हुआ था, को राज्य के कला, संस्कृति और युवा मामलों के विभाग द्वारा संरक्षित स्थल घोषित किया गया है.

Advertisement

विश्व प्रसिद्ध लेखक की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने के बाद तोड़-फोड़ करने वाले अज्ञात लोग उसका एक हिस्सा भी अपने साथ लेकर चले गए, जबकि साइट पर तैनात सुरक्षा गार्डों द्वारा रोके जाने के बावजूद उन्होंने बाकी हिस्से को कुएं में फेंक दिया.

मामले की सूचना पुलिस को सोमवार तब मिली जब वहां तैनात सुरक्षा गार्ड्स में से एक गार्ड राम सूरत राम ने स्थानीय पुलिस को घटना के बारे में सूचित किया. कस्बे में व्यापक तलाशी के बाद पुलिस ने जॉर्ज ओरवेल की अर्धप्रतिमा का हिस्सा बरामद कर लिया.

बढ़ाई गई सुरक्षा 

ओरवेल की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाए जाने पर अज्ञात लोगों के खिलाफ टाउन पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज कराई गई.

मोतिहारी के जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने कहा, 'कुछ उपद्रवियों ने प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. हम क्षतिग्रस्त हुए प्रतिमा की मरम्मत करवा रहे हैं. हमने घटना के बाद ओरवेल के जन्मस्थान पर सुरक्षा बढ़ा दी है.'

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV

जॉर्ज ओरवेल का जन्म मोतिहारी में 25 जून 1903 को हुआ था. उनके पिता ब्रिटिश भारत में भारतीय सिविल सेवा के अधिकारी थे. जॉर्ज ओरवेल का मूल नाम एरिक अथर ब्लेयर था. ओरवेल अपने जन्म के छह महीने बाद इंग्लैंड चले गए और फिर कभी भारत नहीं आए.

ब्रिटिश पत्रकार इयान जैक ने पहली बार 1983 में जॉर्ज ओरवेल के जन्मस्थान की खोज की थी. उसके बाद 2010 में मोतिहारी में उनकी एक प्रतिमा लगाई गई थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement