बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक केंद्रीय एजेंसी की लेटलतीफी से परेशान है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह एजेंसी काम करने में अक्षम है, तो दूसरी एजेंसी को काम सौंपा जाए. मुख्यमंत्री राजगीर में बन रहे पुलिस एकेडमी भवन के निर्माण में हो रही देरी पर चिंता जाहिर कर रहे थे. बिहार पुलिस एकेडमी के भवन का निर्माण भारत सरकार की एजेंसी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट इंडिया लिमिडेड यानी आईपीआईएल कर रही है, लेकिन 200 करोड़ की लागत से बनने वाली यह योजना 6 साल में भी पूरी नहीं हो पाई.
नीतीश कुमार ने राजगीर में पुलिस एकेडमी का शिन्यानास 2010 में किया था. इंजीनियरिंग प्रोजक्ट इंडिया लिमिटेड को निर्माण का ठेका मिला था, जिसने वादा किया था कि निर्माण कार्य 2014 तक पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन राजगीर में बन रहे इस भवन को देखने से पता चलता कि अब तक केवल 40 फीसदी काम ही हो पाया है. पिछले 6 महीने से कोई काम नही हुआ है, क्योंकि निर्माण की सामग्री उपलब्ध नहीं है.
बिहार पुलिस के पास एकेडमी नहीं है. झारखंड बनने से पहले हजारीबाग में बिहार पुलिस एकेडमी था, लेकिन बंटवारे के बाद पुलिस की ट्रेनिंग की कोई सुविधा बिहार में उपलब्ध नहीं है. ऐसे में नीतीश कुमार ने गहन चिंतन और सोच के बाद इस पुलिस एकेडमी को राजगीर में बनने का प्रस्ताव पास करा पाए. इसके लिए 133 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया, लेकिन निर्माण का जिम्मा एक ऐसी एजेंसी ने लिया, जो काम ही नही कर पा रही है.
अंजलि कर्मकार / सुजीत झा