बीपीएससी पेपर लीक मामले में कार्रवाई करते हुए सोमवार को आर्थिक अपराध इकाई ने छात्र नेता दिलीप कुमार समेत उसके तीन अन्य साथियों को हिरासत में लिया और तकरीबन 6 घंटे तक गहन पूछताछ की.
दिलीप और उसके 3 साथी सोमवार को दोपहर 1 बजे बिहार तक चैनल पर इंटरव्यू देने के लिए बिहार तक के दफ्तर पहुंचे थे और घंटे भर के इंटरव्यू के दौरान दिलीप भैया ने दावा किया था कि बीपीएससी का वायरल प्रश्न पत्र सबसे पहले उसे मिला था और उसने उससे कई न्यूज़ चैनल और मुख्यमंत्री कार्यालय में ईमेल किया.
बिहार तक पर दिलीप के इसी दावे को सुनने के बाद आर्थिक अपराध इकाई हरकत में आई और इंटरव्यू समाप्त होने के तुरंत बाद उसे और उसके साथियों को हिरासत में ले लिया और पुलिस मुख्यालय ले जाकर पूछताछ की.
दिलीप ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि उसने वायरल प्रश्न पत्र को लेकर सब अलर्ट करने के लिए उसे न्यूज़ चैनल और मुख्यमंत्री कार्यालय में ईमेल किया था ताकि इस पर कार्रवाई हो सके.
6 घंटे तक गहन पूछताछ के बाद पुलिस ने दिलीप और उसके साथियों को छोड़ दिया और आगे भी जांच में सहयोग करने के लिए कहा. जांच के दौरान पुलिस ने दिलीप के फोन से सारी महत्वपूर्ण जानकारियां और डाटा इकट्ठा कर लिया. पुलिस दिलीप से पूछताछ के दौरान, दरअसल, यह जानने की कोशिश कर रही थी कि उनके पास वायरल प्रश्न पत्र कहां से आया और किस ने उसे दिया.
पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि बीपीएससी प्रश्न पेपर लीक मामले में दिलीप और उसके साथियों की क्या भूमिका है. फिलहाल, ऐसा लगता है कि दिलीप और उसके साथी पुलिस के जांच में सहयोग कर रहे हैं और इसकी वजह से पुलिस ने उन्हें 6 घंटे के गहन पूछताछ के बाद सोमवार की रात को छोड़ दिया और आगे भी जांच में सहयोग करने के लिए कहा.
रोहित कुमार सिंह