घर-घर पूजा करा कर चलाते हैं गृहस्थी, बेटे ने बिना कोचिंग पास किया JEE मेन्स

पंडित अशोक तिवारी के बेटे दूधनाथ तिवारी ने आईआईटी तक पहुंचने की पहली सीढ़ी पास करके पिता का सपना पूरा कर दिया. पिता घर-घर जाकर पूजा पाठ कराते हैं और उसी आमदनी से शहर में किराए के मकान लेकर बेटे को पढ़ाते थे.

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बेटे दूधनाथ के साथ अशोक तिवारी बेटे दूधनाथ के साथ अशोक तिवारी

मणिभूषण शर्मा

  • मुजफ्फरपुर,
  • 17 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:32 AM IST
  • पुजारी के बेटे ने पास किया JEE मेन्स
  • बिना कोचिंग मिली 594वीं रैंक

बिहार के मुजफ्फरपुर में एक गरीब पुजारी के बेटे ने जेईई मेन्स पास कर लिया है. दरअसल, पंडित अशोक तिवारी के बेटे दूधनाथ तिवारी ने आईआईटी तक पहुंचने की पहली सीढ़ी पास करके पिता का सपना पूरा कर दिया. पिता घर-घर जाकर पूजा पाठ कराते हैं और उसी आमदनी से शहर में किराए के मकान लेकर बेटे को पढ़ाते थे.

उसी मकान में जमीन पर बैठकर दूधनाथ ने सेल्फ स्टडी करके जेईई मेन्स पास कर लिया. दूधनाथ तिवारी को जेईई मेन्स में 548वां स्थान मिला. जेपी कॉलोनी चंदवारा के दूधनाथ तिवारी अपने पिता के साथ रहता है. पिता अशोक तिवारी घर-घर जाकर पूजा पाठ कराते हैं. उसी से जो आमदनी होती है, उससे परिवार का भरण पोषण होता है.

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देश की कठिनतम और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक JEE मेंस की परीक्षा पास करके देश में 548 वां स्थान प्राप्त किया है. पिता अशोक तिवारी ने बताया कि काफी गरीबी में रहकर यह पढ़ाई किया है, यह खुद पढ़ाई करता है, मुझे इससे कभी यह नहीं कहना पड़ा कि तुम पढ़ाई करो, हमेशा यही कहना पड़ता था कि अब पढ़ाई बंद करो अब कल पढ़ना.

अशोक तिवारी

अशोक तिवारी ने कहा कि हमें इस लड़के पर गर्व है और हमें लगता है कि आगे चलकर यह लड़का हमारे इलाके का नाम रोशन करेगा, हम चाहते हैं कि JEE एडवांस में अच्छा करे और अच्छे कॉलेज में इसका नामांकन हो.

अशोक तिवारी काफी भावुक होकर बताते हैं कि यह ईश्वर की कृपा ही है कि मेरा लड़का यहां तक पहुंच गया, हम तो किसी तरह पूजा पाठ करके घर का खर्च चलाते हैं और अपने बच्चे पर खर्च करते हैं. वहीं, दूधनाथ ने बताया कि काफी कठिन था क्योंकि आर्थिक समस्या भी है, लेकिन मेहनत और माता पिता एवं भगवान के आशीर्वाद से सफलता मिली है.

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दूधनाथ

दूधनाथ तिवारी ने कहा कि कोरोना काल में काफी आर्थिक समस्या आ गई, कई बार तैयारी छोड़कर ट्यूशन पढ़ाने की सोचने लगा, लेकिन पिताजी ने समझाकर तैयारी करते रहने की बात कही.

 

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