कहीं पानी में पुल, कहीं सड़कों पर सैलाब, देखें बिहार में बाढ़ की विनाशलीला

पूर्वी चम्पारण के कोटवा प्रखंड में राष्ट्रीय उच्च पथ 28 को जोड़ने वाली धनगढहां भोपतपुर बझिया बाजार के बीच सोमवती नदी का पुल रविवार शाम बाढ़ के पानी के दबाव को नहीं झेल सका और बह गया.

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गोपालगंज में सुरक्षित स्थानों पर जाते लोग (फोटो- पीटीआई) गोपालगंज में सुरक्षित स्थानों पर जाते लोग (फोटो- पीटीआई)

सुजीत झा / रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 27 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 2:38 PM IST

  • बारिश के बाद उफान पर कमला बलान नदी
  • पानी में डूबी सड़कें, सुरक्षित स्थान पर लोग
  • पूर्वी चंपारण में 20 साल पुराना पुल बहा

दरभंगा में कमला बलान नदी पूरे उफान पर है जिसकी वजह से समस्तीपुर और दरभंगा को जोड़ने वाली सड़क पर अब पानी आ गया है.

समस्तीपुर-दरभंगा मुख्य मार्ग पर बाढ़ का पानी चढ़ने की वजह से परिचालन प्रभावित हुआ है. इस रूट पर चलने वाली गाड़ियों को काफी खतरनाक तरीके से पानी से होते हुए सड़क पर चलना पड़ रहा है.

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स्थानीय लोगों ने बताया कि सोमवार की सुबह से ही इस रूट पर पानी धीरे-धीरे सड़क पर आ चुका था और फिर दोपहर होते-होते तकरीबन 1 फीट से भी ज्यादा पानी सड़क पर बहने लगा.

पूर्वी चम्पारण में पुल ध्वस्त

पूर्वी चम्पारण के कोटवा प्रखंड में राष्ट्रीय उच्च पथ 28 को जोड़ने वाली धनगढहां भोपतपुर बझिया बाजार के बीच सोमवती नदी का पुल रविवार शाम बाढ़ के पानी के दबाव को नहीं झेल सका और बह गया. पुल के ध्वस्त होने से ग्रामीणों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. ये पुल लगभग दो दशक पुराना है. कोटवा प्रखंड के गांवों में गंडक नदी में पानी बढने से सोमवती नदी भी उफान पर है.

समस्तीपुर में कई गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूटा

इधर समस्तीपुर के कल्याणपुर प्रखंड में बागमती नदी का कहर ऐसा टूटा है कि कई गांवों का संपर्क मुख्यालय से टूट चुका है. लोगों ने एक ऊंचे स्कूल की इमारत पर ठिकाना बनाया है. लेकिन स्कूल के आसपास भी बाढ़ का पानी भर गया है. इसके बाद यहां ठहरे लोगों को जान का खतरा पैदा हो गया है. यहां कई गांव पानी में डूब गए हैं.

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पढ़ें- NH 57 बना बाढ़ पीड़ितों का नया ठिकाना, खतरे के बीच सड़क पर गुजार रहे जिंदगी

गोपालगंज के कई गांवों में सात से आठ फीट पानी

गोपालगंज में सारण तटबंध टूट जाने की वजह से बरौली प्रखंड के कई गावों में सात से आठ फीट पानी भर गया है. कोई रस्सी के सहारे जान बचाने के लिए भाग रहा है, तो कोई नाव की मदद से ऊंचे स्थानों की जाने के लिए निकल पड़ा है. बता दें कि बिहार के 12 जिले बाढ़ प्रभावित हैं और करीब 10 लाख आबादी को बाढ़ ने प्रभावित किया है.

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