मिसाल: कॉलेज में छात्र नहीं आए तो प्रोफेसर ने लौटा दिए सैलरी में मिले 23 लाख रुपये!

बिहार में असिस्टेंट प्रोफेसर ललन कुमार की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. उन्होंने सैलरी में मिले 23 लाख रुपये कॉलेज प्रबंधन को लौटाने का फैसला किया. इसके पीछे उन्होंने वजह भी बताई है.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

मणिभूषण शर्मा

  • मुजफ्फरपुर ,
  • 06 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 7:45 PM IST
  • सुर्खियों में हैं बिहार के असिस्टेंट प्रोफेसर ललन कुमार
  • सैलरी में मिले 23 लाख रुपये लौटाने का किया फैसला

बिहार में एक प्रोफेसर ने नायाब मिसाल पेश की है. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी के नीतिश्वर सिंह कॉलेज में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर ललन कुमार ने दो साल 9 महीने की सैलरी में मिले 23 लाख रुपये कॉलेज प्रशासन को लौटा दिए. उनका कहना है कि वह एमए के छात्रों को पढ़ाना चाहते हैं, लेकिन स्टूडेंस्ट आते ही नहीं. उनकी पढ़ाई बेकार जा रही है, ऐसे में उन्होंने यह कदम उठाया.

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ललन कुमार मंगलवार को 23 लाख रुपये का चेक लेकर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार के पास पहुंचे और रकम वापस लेने का अनुरोध किया. उनका कहना है कि जब छात्र पढ़ने नहीं आते हैं तो फिर वह सैलरी क्यों लें? हालांकि कुलसचिव ने उनका आवेदन लेकर चेक उन्हें वापस कर दिया.

मुजफ्फरपुर स्थित नीतिश्वर सिंह कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर ललन कुमार ने कुलपति को लिखे पत्र में कहा, वह एमए के छात्रों की क्लास लेना चाहते हैं, लेकिन छात्र कक्षा में उपस्थित नहीं होते हैं. उन्होंने कुलपति से अपना तबादला आरडीएस या एमडीडीएम कॉलेज में करने का भी अनुरोध किया. उनके आवेदन पर अभी विश्वविद्यालय की तरफ से कोई फैसला नहीं किया गया है.

असिस्टेंड प्रोफेसर ललन कुमार द्वारा वेतन लौटने के मामले में BRA बिहार विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. राम कृष्ण ठाकुर ने बताया कि वह (ललन कुमार) 23 लाख रुपये का चेक लेकर आए थे. यूनिवर्सिटी में रकम लौटाने की कोई परंपरा नहीं है. शिक्षक को समझा-बुझाकर वापस भेज दिया गया है. इस मामले में कॉलेज के प्रिंसिपल से बात की जाएगी.

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वहीं, बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. आरके ठाकुर ने बताया कि जिस कालेज में वह कार्यरत हैं, उसके प्राचार्य ने बताया कि हमारे संज्ञान के बगैर उन्होंने सीधे यूनिवर्सिटी को आवेदन दे दिया. उन्हें कोई परेशानी थी तो प्राचार्य के माध्यम से उठाना चाहिए था. कॉलेज प्रशासन की दलीलों के बीच इस मामले की बिहार में खूब चर्चा हो रही है.

 

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