बिहार की राजधानी पटना से सिर्फ 35 किलोमीटर दूर जेठुली गांव पार्किंग विवाद के बाद हुई हिंसा के कारण सुलग रहा है. गोलीबारी में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है जबकि तीन की हालत गंभीर है. जब दो मृतकों का शव गांव पहुंचा तो भीड़ आक्रोशित हो गई जिसके बाद पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी.
इस हत्याकांड के मुख्यतौर पर दो किरदार हैं जिनका चुनावी राजनीति से गहरा नाता है. बच्चा राय जहां गांव की मुखिया के पति हैं वहीं गोलीबारी में उनका साथ देने वाले उमेश राय लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं.
अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के टिकट पर गोलीबारी के आरोप उमेश राय ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई थी लेकिन वो चुनाव हार गए थे. वो पूर्व जिला पार्षद भी रह चुके हैं.
हिंसा में आरजेडी का हाथ: सुशील मोदी
राजधानी पटना से महज चंद किलोमीटर की दूरी पर भारी गोलीबारी को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी पर हमला बोला है.
घटना को लेकर सुशील मोदी ने कहा, 'राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से हाथ मिलाकर नीतीश कुमार ने अपराध और भ्रष्टाचार से समझौता कर लिया है.' उन्होंने कहा कि आरजेडी अपराधियों की पार्टी है और इसलिए बिहार में अपराध में तेजी आई है. सुशील मोदी ने दावा किया कि हिंसा में शामिल सभी लोग आरजेडी के हैं.
इन पांच लोगों ने की 50 राउंड से ज्यादा फायरिंग
पार्किंग विवाद की असली वजह चुनाव की रंजिश और एक महंगी जमीन पर कब्जा था. 3 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की जमीन पर फिलहाल बच्चा राय का कब्जा है. रविवार को बच्चा राय ने जमीन के पास गिट्टी गिराई थी जिसके तुरंत बाद चनारिक राय वहां पहुंचा और गाड़ी पार्क करने लगा.
पार्किंग को लेकर ही विवाद की शुरुआत हुई. बच्चा राय और चनारिक में पहले नोकझोंक हुई. इसके बाद बच्चा राय और उसके अन्य पांच लोग उमेश राय ,राम प्रवेश राय ,बच्चा राय ,रितेश राय ,संजीत राय हथियार के साथ पहुंचे और फायरिंग करने लगे.
इस गोलीबारी में चनारिक राय समेत गौतम, रौशन कुमार ,नागेंद्र राय, और मोनारिक राय को गोली लग गई. गोली लगने के बाद गौतम की मौके पर ही मौत हो गई जबकि रौशन ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. वहीं दो अन्य लोगों की हालत अभी भी गंभीर है और गांव में तनाव भी बना हुआ है.
वहीं इस घटना को लेकर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जेएस गंगवार ने कहा है कि यह दो गुटों के बीच निजी विवाद का मामला है. मामला पार्किंग विवाद से जुड़ा हुआ है जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई है जबकि अन्य घायल हैं.
पुलिस क्यों नहीं कर पाई नियंत्रण
घटना के 24 घंटे बाद भी पुलिस जेठुली गांव में शांति स्थापित नहीं कर पाई है. इसको लेकर कहा जा रहा है कि रविवार दोपहर जब पटना में हिंसा भड़की तो पूरे पटना के आला पुलिस अधिकारी डीजीपी के साथ क्राइम मीटिंग कर रहे थे.
पटना में कानून व्यवस्था पर चर्चा के लिए विशेष रूप से बैठक बुलाई गई थी. हिंसा के और भड़कने का एक कारण यह भी था कि सभी शीर्ष पुलिस अधिकारी मीटिंग में शामिल थे जिस वजह से वो उस वक्त घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाए. (इनपुट - शशि भूषण)
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