Anxiety and Anger: क्या आपकी एंग्जाइटी भी बदल गई है एंगर में? जानिए डर और गुस्से में क्या है कनेक्शन

क्या आप जानते हैं आपकी एंग्जाइटी गुस्से में भी बदल सकती है. वहीं आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि डर और गुस्से के बीच में भी कनेक्शन होता है. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे एंग्जाइटी गुस्से में बदल सकती है.

Advertisement
प्रतीकात्मक फोटो (Image: Freepik) प्रतीकात्मक फोटो (Image: Freepik)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 03 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST

आज के समय में बहुत से लोग मेंटल हेल्थ से जुड़ी किसी ना किसी समस्या का सामना कर रहे हैं. क्या आप जानते हैं आपकी एंग्जाइटी गुस्से में भी बदल सकती है? वहीं आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि डर और गुस्से के बीच में भी कनेक्शन होता है. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे एंग्जाइटी गुस्से में बदल सकती है. 

डर और गुस्से में क्या समानता है
कई लोगों को लगता है कि डर और गुस्सा दोनों ही भावनात्मक रूप से अलग हैं, लेकिन दोनों में ही कुछ समानताएं होती हैं. न्यूरोसाइकोलॉजी के मुताबिक, जब इंसान को डर लगता है तो उसके दिमाग में उस परिस्थिति से निकलने के इमोशन ट्रिगर करते हैं, जिसकी वजह से वो खुद को बचाने के लिए वहां से भाग जाता है या फिर उससे लड़ता है. वहीं जब किसी व्यक्ति को गुस्सा आता है, तब भी उसके ब्रेन में ठीक वैसे ही इमोशन ट्रिगर करते हैं, जैसे कि डरने के समय करते हैं.

Advertisement

कैसे करें अपनी मेंटल हेल्थ में सुधार, अपनाएं ये आसान तरीके

एंग्जाइटी कैसे बदलती है गुस्से में 
जब कोई स्ट्रेस में होता है तब पहले तो उसे गुस्सा आता है फिर उसके बाद वो गुस्सा डर में बदल जाता है. ये एक न्यूरोसाइकोलॉजिकल प्रोसेस है. क्या आप जानते हैं एंग्जाइटी भी डर का ही एक प्रकार है. वहीं चिड़चिड़ापन गुस्से का ही एक रूप है. जिन लोगों को एंग्जाइटी की समस्या होती है, वो अक्सर चिड़चिड़े हो जाते है और फिर इस तरह इंसान की एंग्जाइटी गुस्से में बदलने लगती है. कई लोग ये नहीं जानते कि चिड़चिड़ापन भी एंग्जाइटी के कारण ही होता है. 

आसानी से खो देते हैं फोकस, भूल जाते हैं काम पूरा करना? कहीं इस डिसऑर्डर के शिकार तो नहीं आप

एंग्जाइटी और गुस्से से बचने के उपाय
1. अगर आपकी एंग्जाइटी गुस्से में बदल गई है तो इससे बचने के लिए सेल्फ केयर बहुत जरूरी है. इसके लिए पूरी नींद लें, समय पर खाना खाएं और नियमित रूप से एक्सरसाइज करें.

2. खुद के प्रति दयालु होना बहुत जरूरी है. क्योंकि जब तक आप खुद से प्यार करना नहीं सीखेंगे, तब तक आपके मन में से नेगेटिव विचार नहीं जाएंगे. 

3. एंग्जाइटी और गुस्से से बचने के लिए पॉजिटिव सोच रखें क्योंकि नकारात्मक विचार मेंटल हेल्थ प्रोब्लम्स को और भी ज्यादा बढ़ाते हैं. 
अगर इतना सब करने के बाद भी आपकी एंग्जाइटी दूर नहीं हो रही तो किसी अच्छे साइकोथेरेपिस्ट को दिखाएं. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement