Morning Depression: बिस्तर छोड़ना मुश्किल, निराशा से होती है सुबह की शुरुआत... कहीं ये मॉर्निंग डिप्रेशन तो नहीं!

अगर सुबह उठने पर आपके मन में निराशा के भाव आते हैं और बेड से उठने का मन नहीं करता तो यह मॉर्निंग डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि मॉर्निंग डिप्रेशन किस वजह से होता है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए.

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Mental Health Problems (Image: Freepik) Mental Health Problems (Image: Freepik)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2024,
  • अपडेटेड 5:00 PM IST

कई लोगों को सुबह उठते ही निराशा महसूस होती है. यहां तक कि ऐसे लोगों का बिस्तर से उठने का भी मन नहीं करता. इस अवस्था को मॉर्निंग डिप्रेशन कहा जाता है, जिसकी वजह से व्यक्ति को सुबह उठते ही काफी लो फील होता है और मन में दुख के भाव आने लगते हैं. इसके अलावा मॉर्निंग डिप्रेशन की वजह से इंसान की कार्य करने की क्षमता पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. 

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मार्निंग डिप्रेशन के लक्षण

1. सुबह उठने पर बेड पर से उठने का मन ना होना या उठने में परेशानी होना. 
2. दिन की शुरुआत में शरीर की एनर्जी में कमी महसूस करना. 
3. सुबह के काम जैसे शॉवर लेना और चाय-कॉफी बनाने में परेशानी महसूस होना. 
4. किसी भी चीज पर फोकस करने में परेशानी महसूस करना. 
5. चिड़चिड़ापन और परेशान महसूस करना. 
6. लोगों के आसपास रहने पर भी अकेलापन फील होना. 
7. सामान्य से ज्यादा सोने लगना.
8. सुबह के समय नाश्ता करने का मन ना करना.

मार्निंग डिप्रेशन के कारण

1. जो लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते, उन्हें डिप्रेशन का खतरा दूसरों की तुलना में ज्यादा होता है. इंसान नींद की कमी के कारण सुबह उठने के साथ लो महसूस करता है. 

2. हमारा शरीर तनाव की स्थिति में कोर्टिसोल नामक एक केमिकल रिलीज करता है. बॉडी में कोर्टिसोल के बढ़ने से मॉर्निंग डिप्रेशन के लक्षण देखने को मिल सकते हैं. 

3. कई लोग अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को ठीक से बैलेंस नहीं कर पाते, जिसके कारण उनके दिमाग पर रिश्तों और काम का बोझ हावी हो जाता है. आगे चलकर यही समस्या डिप्रेशन का कारण बनती है. 

4. मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, डिप्रेशन, सिजोफ्रेनिया और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोगों के ब्रेन में इंटरल्यूकिन-6 नामक सूजन पैदा करने वाले केमिकल का लेवल बढ़ जाता है, जिसके कारण इंसान मॉर्निंग डिप्रेशन का शिकार हो जाता है.

5. व्यक्ति के दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर के असंतुलन से भी अवसाद होता है. मानसिक शांति के लिए ब्रेन में सेरोटोनिन और डोपामाइन का स्तर सही होना चाहिए. इनके असंतुलन से भी मॉर्निंग डिप्रेशन हो सकता है. 

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मॉर्निंग डिप्रेशन से बचाव के तरीके

1. कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (सीबीटी), इंटरपर्सनल थेरेपी (आईपीटी), या साइकोथेरेपी से मॉर्निंग डिप्रेशन से निजात पा सकते हैं. इनसे नेगेटिव थॉट पैटर्न को इंप्रूव करने में मदद मिलती है, साथ ही मूड रेगुलेशन भी बेहतर होता है. 

2. मॉर्निंग डिप्रेशन से बचने के लिए रोजाना समय पर सोएं और सही समय पर उठें. इसके अलावा सोने से पहले फोन का इस्तेमाल ना करें और डिम लाइट में सोएं.

3. रोजाना एक्सरसाइज, मेडिटेशन और हेल्दी खाना अपने रुटीन में शामिल करें. इसके अलावा शराब और सिगरेट से दूर रहें.

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