आपकी मेंटल हेल्थ कैसी है इसका बहुत असर आपकी पर्सनैलिटी पर नजर आता है. अच्छी मेंटल हेल्थ वाले व्यक्ति खुद को अक्सर खुश और सुलझा हुआ पाते हैं. वहीं, जिन लोगों की मेंटल हेल्थ प्रभावित होती है वो खुद को अक्सर दुखी, परेशान, स्ट्रेस में पाते हैं. खराब मेंटल हेल्थ के तहत कई तरह के डिसऑर्डर आते हैं. इनमें से एक डिसऑर्डर है, बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर. कई बार व्यक्ति बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से गुजर रहा होता है लेकिन उन्हें इस बात का पता भी नहीं चलता है. आइए जानते हैं क्या होता है बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर और क्या होते हैं इसके लक्षण.
क्या है बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर?
बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर एक ऐसी मेंटल हेल्थ स्थिति है जहां व्यक्ति खुद की भावनाओं पर काबू खो देता है. उन्हें बेहद गंभीर मूड स्विंग्स का सामना करना पड़ता है. इसके चलते ये दूसरों के साथ खुद के रिश्ते खराब कर लेते हैं. जो लोग बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से जूझ रहे होते हैं उन्हें अक्सर ये डर सताता है कि लोग उन्हें अकेला छोड़ कर चले जाएंगे. ये लोग आवेगपूर्ण और खतरनाक व्यवहार भी दिखाते हैं, जैसे लापरवाही से गाड़ी चलाना और खुद को नुकसान पहुंचाने के लिए काम करना. बहुत से लोग जो बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर का शिकार होते हैं, उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं होता है.
बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के क्या हैं लक्षण?
बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लक्षण आमतौर पर आपकी किशोरावस्था के अंत या प्रारंभिक वयस्कता में दिखाई देते हैं. किसी परेशान करने वाली घटना या तनावपूर्ण अनुभव में आपका बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर ट्रिगर हो सकता है. आइए जानते हैं कैसे करें बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर की पहचान.
लोगों के दूर चले जाने का डर: जो लोग बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से जूझ रहे होते हैं उन्हें अक्सर ये डर सताता रहता है कि लोग उन्हें छोड़ कर चले जाएंगे. उन्हें अकेले रहने में डर लगता है. इसी वजह से जब उन्हें लगता है कि कोई उन्हें छोड़ कर चला जाएगा तो उनके व्यवहार में गुस्सा और डर साफ नजर आने लगता है. इस डर के चलते कई बार ये अपने पार्टनर या दोस्तों को स्टॉक करने लगते हैं. वहीं, कई बार इस डर के चलते वो लोगों से दोस्ती करने या अटैच होने से रोकते हैं.
खुद को लेकर बदलती रहती है छवि: बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से जूझ रहे लोग अपनी छवि को लेकर अक्सर कंफ्यूज रहते हैं. वो खुद पर हर वक्त शक करते रहते हैं. ऐसे लोग दूसरों के बदले खुद को कम आंकते हैं. वो जैसे हैं, वैसा होने के लिए खराब महसूस करते हैं. ऐसे लोग खुद की इमेज को बदलने के लिए कई बार आवेग में आकर निर्णय लेने लगते हैं. कई बार ये अपना करियर गोल चेंज कर देते हैं तो कई बार अपने विचारों से पलट जाते हैं.
खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश: जो लोग बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से जूझ रहे होते हैं वो खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं. उनमें सुसाइड की भावना भी पनप सकती है. वहीं, कई बार देखा गया है कि बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से जूझ रहे लोग खुद को कंट्रोल में रखने के लिए शरबा या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने लगते हैं.
अगर आपको लग रहा है कि आप या आपके आसपास कोई भी व्यक्ति बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से जूझ रहा है तो उसे प्रोफेशनल हेल्प लेनी चाहिए. जब आप प्रोफेशनल हेल्प के लिए जाएंगे तो सबसे पहले ये जांच की जाएगी की आप बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से जूझ रहे या नहीं. इसके बाद आपके उपचार की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
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