क्या आपको कभी ऐसा महसूस होता है कि लोगों से दूर भाग जाओ और कमरे में जाकर छिप जाओ, ताकि कोई आपके पास ना आए. कई बार इंसान को ऐसा फील होता है कि लोगों के साथ रहने से बेहतर तो अकेले रहना है. अगर आपके अंदर भी ऐसे भाव आते हैं तो ये सोशल विड्रॉल और मेंटल हेल्थ प्रोब्लम के लक्षण हैं, जिसमें इंसान लोगों से दूरियां बना लेता है. आज हम आपको बताएंगे कि सोशल विड्रॉल के क्या लक्षण हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है.
सोशल विड्रॉल यानी समाज से दूरी बनाने का मतलब क्या होता है
समाज से दूरी बनाने का मतलब है कि समय के साथ लोगों से मिलना-जुलना कम कर देना और ज्यादातर अकेले रहना. ऐसे लोग किसी भी सोशल एक्टिविटी में भाग लेने से बचते हैं. हालांकि कुछ समय के लिए एकांत में रहना अच्छा होता है, लेकिन अगर आप जरूरत से ज्यादा अकेले रहते हैं तो आगे चलकर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं.
सोशल विड्रॉल के लक्षण
1. सोशल एक्टिविटीज में शामिल ना होना- जब इंसान अकेलेपन और एकांत से जूझ रहा होता है तो वो किसी ऐसी किसी सोशल एक्टिवटी में शामिल नहीं होना चाहता, जहां उसे लोगों से मिलना पड़े.
2. एकांत में रहना- सोशल विड्रॉल से पीड़ित इंसान एकांत में रहना पसंद करता है. उसे परिवार और दोस्तों के साथ वक्त बिताना अच्छा नहीं लगता.
3. लोगों से कम बातचीत करना- समाज से दूरी बना लेने वाला इंसान लोगों से बहुत कम बातचीत करता है. ऐसे लोग सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहना पसंद नहीं करते.
4. इमोशनल अटैचमेंट का कम होना- अगर आपका लोगों के प्रति भावनात्मक लगाव कम होने लगा है तो ये भी सोशल विड्रॉल के ही लक्षण हैं. ऐसे लोग दूसरों के सामने अपने इमोशन्स एक्सप्रेस नहीं कर पाते हैं.
5. शारीरिक लक्षण- ऐसे लोगों में सिरदर्द, थकान, भूख कम या ज्यादा लगना और तनाव जैसे शारीरिक लक्षण नजर आते हैं.
सोशल विड्रॉल से बचने के उपाय
1. समस्या का कारण खोजें- अगर आपको अकेले रहना अच्छा लगता है तो ये जानने की कोशिश करें कि उसका कारण क्या है.
2. लोगों की मदद लें- जितना हो सके अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ वक्त बिताएं. अगर आप ज्यादा परेशान हैं तो उनसे अपनी प्रोब्लम शेयर करें.
3. सोशल स्किल्स विकसित करें- लोगों से मिले-जुलें, उनसे बातें करें और अपनी हॉबीज के लिए समय निकालें.
4. सेल्फ केयर करें- अगर आप खुद की देखभाल करेंगे तो अकेलेपन और मेंटल हेल्थ प्रोब्लम्स से बचने में मदद मिलेगी. इसलिए समय पर सोएं, हेल्दी खाना खाएं और एक्सरसाइज करें.
5. थेरेपिस्ट की मदद लें- अगर आपकी समस्या कम नहीं हो रही है तो किसी प्रोफेशनल थेरेपिस्ट की मदद लें.
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