हल्दी के साथ करें इन चीजों का सेवन, मिलेंगे भरपूर फायदे

हल्दी के साथ कुछ अन्य सप्लीमेंट्स जैसे काली मिर्च, सेब का सिरका, मछली का तेल, अदरक और मैग्नीशियम लेने से इसके अवशोषण और सेहत पर इसके प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है. ये कॉम्बिनेशन मेटाबॉलिक, दिल, दिमाग, जोड़ों और डाइजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी सेहत समस्याओं में सहायक होते हैं.

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Supplements to Take With Turmeric to Boost Its Benefits Supplements to Take With Turmeric to Boost Its Benefits

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 15 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:35 AM IST

हल्दी अपने एंटीऑक्सिडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए बहुत फेमस है, जो कई पुराने और क्रॉनिक इंफ्लेमेशन से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करते हैं. हल्दी में पाया जाने वाला एक्टिव कंपाउंड, कर्क्यूमिन, इन सभी फायदों के लिए जिम्मेदार होता है, लेकिन यह अपने आप शरीर में आसानी से नहीं अवशोषित हो पाता. हल्दी के साथ कुछ अन्य सप्लीमेंट्स लेने से इसका अवशोषण बढ़ता है और सेहत पर इसके प्रभाव भी मजबूत होते हैं. ये कॉम्बिनेशन मेटाबॉलिक, दिल, दिमाग, जोड़ों और डाइजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी सेहत समस्याओं में सहायक होते हैं और ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं.

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काली मिर्च – काली मिर्च के साथ हल्दी लेना सबसे आसान और असरदार तरीका है कर्क्यूमिन के अवशोषण को बढ़ाने का. काली मिर्च में पाई जाने वाली पाइपरिन नामक यौगिक हल्दी के कर्क्यूमिन को शरीर में बेहतर तरीके से ले जाने में मदद करता है. हल्दी और काली मिर्च साथ लेने से मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसे मांसपेशियों की कमजोरी, मधुमेह, स्ट्रोक और हार्ट डिजीज के खतरे को कम किया जा सकता है. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की एक स्टडी में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि कर्क्यूमिन और पाइपरिन का मेल कर्क्यूमिन के असर और अवशोषण को काफी हद तक बढ़ा देता है. यह कॉम्बिनेशन गठिया और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों में भी लाभ पहुंचाता है. साथ ही, यह गठिया के कारण होने वाले दर्द और इंफ्लेमेशन को कम करता है, जो बिना स्टेरॉयड वाले दर्द निवारक दवाओं (NSAIDs) की तरह काम करता है.

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सेब का सिरका – हल्दी के साथ सेब के सिरके (एप्पल साइडर विनेगर) को मिलाकर लेने से भी सेहत पर अतिरिक्त लाभ हो सकते हैं, हालांकि इस विषय में अधिक शोध की जरूरत है. यह कॉम्बिनेशन ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बेहतर करने में मदद करता है, जो हार्ट हेल्थ के लिए अच्छा है. साथ ही, यह ब्लड शुगर नियंत्रण में भी फायदेमंद हो सकता है, जो खासकर शुगर के मरीजों के लिए जरूरी है. हल्दी के इंफ्लेमेशन कम करने वाले गुण और सेब के सिरके के फायदे मिलकर शरीर में इंफ्लेमेशन को और कम करते हैं. इसके अलावा, यह कॉम्बिनेशन वजन घटाने में मदद करता है क्योंकि दोनों मिलकर शरीर में चर्बी के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करते हैं और डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाते हैं.

मछली का तेल –  हल्दी फैट सॉल्युबल है, इसलिए यह फैटी सप्लीमेंट्स जैसे मछली के तेल के साथ मिलकर शरीर में बेहतर अवशोषित होती है. मछली के तेल में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड कर्क्यूमिन की जैव उपलब्धता (bioavailability) को बढ़ाते हैं और यह कॉम्बिनेशन ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसके चलते, हार्ट की सेहत बेहतर होती है, हार्ट रेट कम होता है और शरीर का वजन कंट्रोल में रहता है. साथ ही, मछली के तेल और हल्दी दोनों दिमागी कार्यों को मजबूत बनाते हैं और उम्र बढ़ने के साथ होने वाली याददाश्त कमजोर होने की समस्या को कम करते हैं.

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अदरक – हल्दी और अदरक मिलकर शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण देते हैं. ये दोनों शरीर को फ्री रेडिकल्स और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं, जिससे कोशिकाएं हेल्दी रहती हैं. इसके साथ ही ये कॉम्बिनेशन कैंसर से जुड़ी कुछ खराब सेलुलर प्रक्रियाओं को रोकने में भी मदद करता है. हल्दी और अदरक गुर्दे की सेहत, वजन कंट्रोल करने और दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने में भी सहायक होते हैं. 

मैग्नीशियम - मैग्नीशियम और हल्दी ब्रेन, हार्ट, मांसपेशियों, जोड़ों और पाचन हेल्थ को बेहतर बनाने में एक-दूसरे के साथ काम करते हैं. साथ मिलकर, ये इंफ्लेमेशन को कम करके और अल्जाइमर जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों से बचाकर संज्ञानात्मक कार्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. यह कॉम्बिनेशन रक्त परिसंचरण में सुधार, इंफ्लेमेशन को कम करके और हार्ट संबंधी कार्यों को बढ़ाकर हार्ट सेहत को भी बेहतर बनाता है. मैग्नीशियम मांसपेशियों को आराम पहुँचाता है और रिकवरी में मदद करता है, जबकि हल्दी जोड़ों के सेहत में योगदान देती है और इंफ्लेमेशन को कम करती है. इसके अलावा, यह कॉम्बिनेशन आंत की इंफ्लेमेशन को कम करने और डाइजेस्टिव सिस्टम में भोजन की सुचारू गति को बढ़ावा देकर पाचन सेहत को बेहतर बनाता है, जिससे भोजन पचाना आसान हो जाता है और ओवरऑल डाइजेशन सही से हो जाता है. 

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