कैंसर के खिलाफ कितनी प्रभावी होगी नई वैक्सीन? गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर ने बताया

कोच्चि स्थित आईएमएम की साइंटिस्‍ट कमिटी के चेयरमैन डॉ राजीव जयदेवन ने कहा कि नई कैंसर वैक्सीन स्वस्थ व्यक्तियों में कैंसर की शुरुआत को रोकने के लिए नहीं, बल्कि पहले से इलाज करा चुके लोगों में इसकी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए हैं.

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कैंसर दुनिया के साथ-साथ भारत में भी काफी अधिक फैल रहा है. (PHOTO: AI Generated) कैंसर दुनिया के साथ-साथ भारत में भी काफी अधिक फैल रहा है. (PHOTO: AI Generated)

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 15 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:04 PM IST

कैंसर के मामले दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं. वैज्ञानिक इससे बचने के लिए दिन रात खोज में लगे हुए हैं. कुछ समय पहले खबर सामने आई थी कि रूस ने कैंसर की वैक्सीन Enteromix बनाई है जो नेशनल मेडिकल रिसर्च रेडियोलॉजिकल सेंटर (एनएमआरआरसी) और एंगेलहार्ड्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी द्वारा विकसित की गई थी. हाल ही में एक मेडिकल एक्सपर्ट ने कहा है कि कैंसर वैक्सीन का उद्देश्य स्वस्थ व्यक्तियों में कैंसर की शुरुआत को रोकना नहीं है बल्कि पहले से ही इलाज करा चुके लोगों को फिर से कैंसर ना हो, इस बात को रोकना है.

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कैंसर वैक्सीन के बारे में क्या कहा?

PTI के मुताबिक, केरल स्थित 'इंडियन मेडिकल एसोसिएशन' (आईएमए) के रिसर्च सेक्‍शन के संयोजक और कोच्चि स्थित आईएमएम की साइंटिस्‍ट कमिटी के चेयरमैन डॉ राजीव जयदेवन ने गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ऑन्कोलॉजी सोसायटी के दूसरे वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा, 'ये कैंसर वैक्सीन पहले से कैंसर से पीड़ित लोगों में रोग की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए बनाए गए हैं, न कि स्वस्थ लोगों में इसकी रोकथाम के लिए.

'ये इम्यूनोथेरेपी का एक रूप हैं, विशेष रूप से व्यक्तिगत नियोएंटीजन थेरेपी जो शरीर के अपने इम्यून सिस्टम को, कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और खत्म करने के लिए ट्रेन करती हैं.'

कैसे काम करती है वैक्सीन?

रूस ने जो वैक्सीन बनाई है, उसका नाम Enteromix है. यह एक प्रकार की ऑन्कोलिटिक वैक्सीन है जो कि ऐसे वायरसों का कॉम्बिनेशन है जो कैंसर सेल्स को पहचानकर नष्ट करती है और इम्यूनिटी को बढ़ाती है. जानकारी के मुताबिक, अभी इसे कोलोरेक्टल कैंसर के लिए विकसित किया जा रहा है. हालांकि कुछ रिपोर्ट ये भी बताती हैं कि ये वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के लिए तैयार है और सफल ट्रायल के बाद इसे फ्री में उपलब्ध कराया जाएगा.

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दावा किया जा रहा है कि प्री-ट्रायल्स में इस वैक्सीन ने 100 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई है. लेकिन सच्चाई क्या है वो तो सारे ट्रायल्स की रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगी.

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