Weight loss drug: वेट लॉस दवा से PCOS और बांझपन में मिल सकती है मदद! डॉक्टर ने बताया कैसे?

महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म, मुंहासे, चेहरे पर बाल और वजन बढ़ने की समस्या से जूझती हैं और ये सभी पीसीओएस के लक्षण हैं. पीसीओएस और मोटापे की दवाइयों पर डॉक्टर का क्या कहना है, इस बारे में जानेंगे.

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आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2025,
  • अपडेटेड 6:05 PM IST

फॉर्मा कंपनियां मोटापे से छुटकारा पाने के लिए नई-नई दवाओं को मार्केट में ला रही हैं. भारतीय बाजार में फिलहाल वजन कम करने और डायबिटीज को मैनेज करने के लिए 2 दवाइयां हैं. पहली है अमेरिकी दवा कंपनी एली लिली द्वारा लांच की गई मौनजारो (टिर्जेपेटाइड) और दूसरी डेनमार्क की फॉर्मा कंपनी नोवो नॉर्डिस्क द्वारा लांच की गई वेगोवी (सेमाग्लूटाइड). इन दोनों दवाओं को भारत में मोटापे या अधिक वजन वाले वयस्कों को ट्रीटमेंट के दौरान प्रिस्क्राइब किया जा सकेगा.

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इन दावाओं के जो आंकड़े सामने आए थे उनके अच्छे रिजल्ट को देखते हुए अधिक वजन वाले लोगों को मदद मिल सकती है और डॉक्टर्स का भी ये मानना है कि इससे अब मोटापे की स्थिति बदल सकती है, खासकर महिलाओं की भी. क्योंकि महिलाओं में मोटापे के कारण पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम), बांझपन और मेनोपॉज के बाद कई परेशानियों से जूझती हैं. इस दवा के आने से उन्हें कैसे मदद मिल सकती है, इस बारे में जान लीजिए.

3 में से 1 महिला को मोटापे की शिकायत

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रिश्मा पाई के मुताबिक, भारत में लगभग 3 में से 1 महिला मोटापे से ग्रस्त है. मोटापा सिर्फ दिखावे की बात नहीं है, यह ABCD है: Adiposity Based Chronic Disease (मोटापे से जुड़ी पुरानी बीमारी). इनमें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, बांझपन, स्लीप एपनिया, गठिया और यहां तक ​​कि ब्रेस्ट और गर्भाशय के कुछ कैंसर जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी शामिल हैं. हालांकि महिलाओं को किशोरावस्था से लेकर मेनोपॉज तक, हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण वजन कम करना कठिन हो जाता है और इस कारण उनका वजन मेंटेन नहीं रह पाता.

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पीसीओएस और वजन

डॉ. पाई का कहना है कि उन्होंने कई महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म, मुंहासे, चेहरे पर बाल और वजन बढ़ने की समस्या से जूझते देखा है और ये सभी पीसीओएस के लक्षण हैं. दुख की बात यह है कि अब तक हमारे पास इन युवा महिलाओं को ट्रीटमेंट देने के लिए बहुत कम था. पहले जो दवाइयां आती थीं, उनसे उन्हें मुश्किल से 2-3 किलो वजन कम करने में ही मदद मिली थी. यदि कोई अपना 5 प्रतिशत वजन भी कम कर ले तो भी उनके लक्षण कम हो सकते हैं. 

'जब इन बीमारियों से जूझने वाली महिलाएं थोड़ा भी वजन भी कम कर लेती हैं तो उनके पीरियड्स नॉर्मल हो जाते हैं, एग्स अच्छे से रिलीज होते हैं और कई मामलों में किसी अन्य दवाओं की जरूरत के बिना ही उनकी प्रजनन क्षमता में सुधार हो जाता है.'

'कई महिलाएं मेरे क्लिनिक में 85 किलो वजन लेकर आती हैं और वो फैमिली प्लानिंग करना चाहती हैं. अगर वे इस वजन के साथ प्रेग्नेंट होती हैं तो प्रेग्नेंसी के बाद उनका वजन 100 किलो से अधिक हो जाएगा. इससे उन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कई चीजों का भी जोखिम हो सकता है.'

वेट लॉस वाली दवाएं और महिलाएं

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डॉ. पाई का मानना ​​है, 'सेमाग्लूटाइड (वेगोवी) जैसी दवाएं मैजिकल ट्रीटमेंट नहीं हैं लेकिन ये वजन कम करने में मदद कर सकती हैं. हालांकि इन दवाइयों को प्रयोग पूरी सावधानी, देखरेख में करना चाहिए. वजन घटाने वाली दवाओं को गर्भावस्था से पहले प्रयोग किया जा सकता है ताकि महिलाओं को वजन कम करने, स्वस्थ होने और फिर हेल्दी डिलीवरी में मदद मिल सके. फिर प्रेग्नेंसी की प्लानिंग करने के करीब 1 महीने पहले दवा लेनी बंद कर लेनी चाहिए.'

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