कई बार सुबह उठते ही अजीब से विचार दिमाग में गोल-गोल चक्कर काटने लगते हैं और व्यक्ति चिंता में घिरा महसूस करता है. अधिकतर लोग नींद खुलने के बाद भी देर तक बिस्तर पर लेटे रहते हैं. देखने में ये सामान्य हो सकता है मगर वास्तिवकता में ये मॉर्निंग एंग्जाइटी की तरफ इशारा करता है. दिनभर में कई कारणों से बढ़ने वाली चिंता और तनाव इस समस्या को गंभीर बना देते हैं. आइए जानते हैं कि किस तरह मॉर्निंग एंग्जाइटी को दूर किया जा सकता है.
मॉर्निंग एंग्जाइटी के लक्षण
1. व्यक्ति देर तक किसी गहरी सोच में डूबा रहता है, जिससे उसको समय का अंदाजा नहीं हो पाता है.
2. पेट में दर्द महसूस होने लगता है और चक्कर आने लगते है.
3. बेवजह शरीर में थकान महसूस होती है और वर्क प्रोडक्टीविटी कम हो जाती है.
4. सिरदर्द की समस्या बढ़ जाती है और छाती में भी भारीपन महसूस होने लगता है.
5. नर्वसनेस बनी रहती है और व्यक्ति बेवजह रोन और चिल्लाने लगता है.
मॉर्निंग एंग्जाइटी से ऐसे पाएं निजात
1. किसी भी समस्या को हल करने के लिए उसके कारणों की जांच करना जरूरी है. वे लोग जो मॉर्निंग एंग्ज़ाइटी से जूझ रहे हैं, उन्हें पहले तनाव की वजह की पहचान करनी चाहिए. इससे उसे सुलझाने में मदद मिलती है. अगर कोई बात चिंता का कारण बन रही है, तो उसे सुलझाने की दिशा में कार्य करना चाहिए.
2. नकारात्मक विचारों से राहत पाने के लिए आहार में मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें. इसके लिए आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स सीड्स, ओट्स और साबुत अनाज को शामिल करें. इससे कोर्टिसोल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.
3. सुबह उठकर माइंडफुलनेस के लिए कुछ वक्त मेडिटेशन करने के लिए निकालें. उसके बाद एक्सरसाइज जरूर करें. इससे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है, जो मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है. एनआईएच के रिसर्च के अनुसार सप्ताह में 5 दिन 30 मिनट एक्सरसाइज़ करने से तनाव को कम करने में मदद मिलती है.
4. उठने के साथ ही एक के बाद एक अपने सभी कार्यों को रूटीन से पूरा करने से तनाव की समस्या दूर होने लगती है. व्यक्ति दिनभर एक्टिव रहता है और काम पूरा न होने की चिंता से भी मुक्ति मिल जाती है. इसके अलावा बिजी लाइफ में से मी टाइम भी आसानी से निकाला जा सकता है.
5. किसी समस्या के बार में देर तक सोचना चिंता को बढ़ा देता है. इससे व्यक्ति के विचारों में नकारात्मकता बढ़ जाती है और मानसिक थकान का सामना करना पड़ता है. ऐसे में किसी व्यक्ति और परिस्थिति को लेकर नकारात्मक विचारधारा कायम न करें.
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