Schizophrenia: बेहद खतरनाक है जरूरत से ज्यादा डोपामाइन बनना, सुनाई देने लगती हैं अजीब आवाजें

सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) एक मेंटल हेल्त प्रोब्लम है, जिसमें इंसान के दिमाग की महसूस करने, कार्य करने और सोचने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इस मानसिक रोग का शिकार व्यक्ति अक्सर भ्रम की स्थिति में रहता है. आइए जानते हैं सिजोफ्रेनिया के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके.

Advertisement
Mental Health Problems (Image: Freepik) Mental Health Problems (Image: Freepik)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2024,
  • अपडेटेड 12:04 PM IST

सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) एक प्रकार की मेंटल हेल्थ प्रोब्लम है, जिसमें व्यक्ति अपनी कल्पनाओं को हकीकत मानने लगता है और हमेशा भ्रम की स्थिति में रहता है. दरअसल, हमारे ब्रेन में डोपामाइन नाम का एक न्यूरोट्रांसमीटर होता है, जो दिमाग और शरीर के बीच तालमेल रखता है. लेकिन अगर इंसान के दिमाग में डोपामाइन की मात्रा बढ़ जाती है, तो वह सिजोफ्रेनिया का शिकार हो जाता है.

इस मानसिक बीमारी से जूझने वाला व्यक्ति काल्पनिक और वास्तविक चीजों को समझने में भूल कर बैठता है, जिसके कारण उसके सोचने-समझने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है. सिजोफ्रेनिया आमतौर बचपन में या फिर किशोरावस्था में होने वाला मानसिक रोग है. इस मेंटल हेल्थ प्रोब्लम से पीड़ित व्यक्ति को अक्सर भ्रम होने के साथ ही डरावने साए दिखाई देते हैं. 

Advertisement

सिजोफ्रेनिया के लक्षण

1. सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति में उदासीनता देखने को मिलती है. 
2. आम लोगों की तरह सुख-दुख महसूस नहीं कर पाता. 
3. किसी से बातचीत करना पसंद नहीं करता. 
4. भूख-प्यास का ख्याल नहीं रख पाता. 
5. सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति का व्यवहार असामान्य होता है और उसमें अवसाद के लक्षण दिखाई देते हैं. 
6. इस मेंटल हेल्थ प्रोब्लम में आवाजें सुनने का भ्रम होता है. 
7. किसी चीज का भ्रम होना और कंफ्यूजन की स्थिति में रहना. 
8. कई चीजें, व्यक्ति या कोई आकृतियां दिखना और ऐसी बातें करना जिनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है. 

सिजोफ्रेनिया के कारण

1. सिजोफ्रेनिया के पारिवारिक इतिहास वाले व्यक्तियों में इस मेंटल हेल्थ प्रोब्लम के विकसित होने का खतरा ज्यादा होता है. 
2. इंसान के दिमाग में डोपामाइन की मात्रा का बढ़ना. 
3. जन्म से पहले संक्रमण, कुपोषण, या तनाव, साथ ही बचपन की चोट के कारण सिजोफ्रेनिया विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है. 
4. करियर, बदलती लाइफस्टाइल, टूटते संयुक्त परिवार, पैसा कमाने की होड़ और घरेलू जिम्मेदारियों के कारण भी व्यक्ति सिजोफ्रेनिया का शिकार हो जाता है. 

Advertisement

सिजोफ्रेनिया का उपचार

इसका इलाज आमतौर पर लंबा होता है, अगर रोगी का शुरुआती चरण में ही उपचार दिया जाए तो समस्या पकड़ में आ जाती है. वहीं मनोवैज्ञानिक थेरेपी के जरिए मरीज के व्यवहार पर काम करने की कोशिश की जाती है. साथ ही रोगी के परिवार वालों को भी काउंसिलिंग दी जाती है ताकि वे रोगी को संभाल सकें. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement