Bipolar Disorder: 10 प्वाइंट्स में समझें क्या है बाइपोलर डिसऑर्डर, इन लक्षणों से करें पहचान

Bipolar Disorder एक मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारी है. इस मेंटल हेल्थ प्रोब्लम में व्यक्ति के अंदर मूड स्विंग्स और डिप्रेशन के लक्षण दिखाई देते हैं. आइए जानते हैं बाइपोलर डिसॉर्डर से जुड़ी 10 बातें.

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Mental Health Problems (Image: Freepik) Mental Health Problems (Image: Freepik)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 5:37 PM IST

बाइपोलर डिसोर्डर एक मेंटल हेल्थ प्रोब्लम है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. इस मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारी को लेकर लोगों के मन में कई गलत धारणाएं हैं. आज हम आपको बताएंगे बाइपोलर डिसॉर्डर क्या है और इसके लक्षणों को कैसे पहचाना जा सकता है. 

1. क्या है बाइपोलर डिसॉर्डर का क्लिनिकल नाम
बाइपोलर डिसॉर्डर का क्लिनिकल नाम मेनिक डिप्रेशन (Manic Depression) है. यह एक मूड डिसॉर्डर है. 

2. बाइपोलर डिसॉर्डर के 3 प्रकार
- Bipolar I:
अगर किसी बच्चे या व्यस्क में मेनिया और डिप्रेशन के लक्षण दिखाई देते हैं तो वह Bipolar I से पीड़ित हो सकता है. इस मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारी को यदि नजरअंदाज किया जाए तो हॉस्पिटल पहुंचने की नौबत भी आ सकती है. 
- Bipolar II: इस मेंटल हेल्थ प्रोब्लम को सॉफ्ट बाइपोलर भी कहा जाता है. अगर किसी व्यक्ति में हाइपोमेनिया और डिप्रेशन के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो वह Bipolar II से पीड़ित हो सकता है. 
- Cyclothymia: Cyclothymia से पीड़ित लोगों में हाइपोमेनिया और माइल्ड डिप्रेशन के लक्षण दिखाई देते हैं. यह बीमारी करीब दो साल तक इंसान के शरीर में बनी रहती है.  

3. मेनिया
Mania:
मेनिया में व्यक्ति के अंदर नींद में कमी, अव्यवस्था, अतिसक्रियता, भावनात्मक प्रतिक्रिया, चिड़चिड़ापन, उत्साह, ओवरथिंकिंग और हाइपरसेक्सुअलिटी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. मेनिया का लेवल बढ़ने पर इंसान में हिंसात्मक लक्षण भी दिखाई देते हैं. यह मानसिक बीमारी व्यक्ति के दैनिक जीवन पर बुरा प्रभाव डालती है. 

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Hypomania: हाइपोमेनिया के लक्षण मेनिया की तरह ही होते हैं, लेकिन ये मेंटल हेल्थ प्रोब्लम ज्यादा गंभीर नहीं होती. इस अवस्था में व्यक्ति के अंदर खराब मूड, फिजिकल एक्टिविटी का बढ़ना, नींद में कमी और ओवरथिंकिंग जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
 
4. एपिसोड्स
बच्चों और व्यस्कों में बाइपोलर डिसॉर्डर के दौरान बहुत ज्यादा मूड स्विंग्स देखने को मिलते हैं. अगर कोई व्यक्ति अतिउत्साहित है तो यह अवस्था मेनिक या हाइपोमेनिक एपिसोड कहलाती है. वहीं अगर कोई इंसान बहुत दुखी और निराश है तो यह अवस्था डिप्रेसिव एपिसोड कहलाती है.

5. Mixed States
अगर किसी इंसान में मेनिया, हाइपोमेनिया और डिप्रेशन के लक्षण एक साथ दिखाई देते हैं तो यह अवस्था Mixed States कहलाती है. ऐसे में व्यक्ति ओवरएक्साइटेड होने के साथ दुखी और निराश भी हो जाता है. 

6. साइक्लिंग
बाइपोलर डिसॉर्डर में व्यक्ति के अंदर दो तरह के मूड साइकिल दिखाई देते हैं. 
Rapid cycling: रैपिड साइक्लिंग में व्यक्ति के मूड और डिप्रेशन में साल में 4 बार बदलाव नजर आते हैं. 
Ultrarapid cycling: अल्ट्रा रैपिड साइक्लिंग में इंसान के मूड में हर हफ्ते या हर घंटे बदलाव नजर आते हैं. 

7. इलाज
बाइपोलर डिसॉर्डर के इलाज के तौर पर मरीज को मूड स्टेबलाइजर और एंटीडिप्रेसेंट दवाईयां दी जाती हैं. 

8. साइकोथेरेपी
मेडिसिन के अलावा साइकोथेरेपी से भी बाइपोलर डिसॉर्डर का इलाज संभंव है. इस दौरान मरीज को Cognitive Behavioral Therapy, Psychodynamic Psychotherapy, Family-Focused Therapy, Interpersonal Psychotherapy दी जाती है.  

9. सेल्फ केयर
इस मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को हेल्दी खाना, समय पर सोना, एक्सरसाइज और मेडिटेशन करना चाहिए. 

10. देखभाल है जरूरी
बाइपोलर डिसॉर्डर लाइलाज बीमारी नहीं है. अगर सही तरीके से इलाज किया जाए तो इस मेंटल हेल्थ प्रोब्लम से निजात मिल सकती है. एक रिसर्च के मुताबिक, कई लोगों को साइकोथेरेपी और मेडिसिन से फायदा मिला है. इसलिए इस मानसिक बीमारी को नजरअंदाज बिल्कुल भी ना करें नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.

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