भारत में सर्दियों ने दस्तक दे दी है. अब मौसम हल्का-हल्का ठंडा होने लगा है. जहां कुछ लोग गर्मी से राहत पाकर खुश हैं, वहीं बहुत से ऐसे हैं जो चिंता में आ गए हैं. ये लोग कौन हैं? ये वे लोग हैं जिन्हें अर्थराइटिस (गठिया) की समस्या रहती है. दरअसल, सर्दी का मौसम अर्थराइटिस से परेशान लोगों के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है. ठंड बढ़ते ही इन लोगों को जोड़ों में दर्द, अकड़न और चलने-फिरने में दिक्कत होने लगती है. तापमान बदलने के कारण अर्थराइटिस के लक्षण बढ़ सकते हैं, जिनकी वजह से उनका चलना-फिरना भी दुश्वार हो जाता है. अगर आपको भी अर्थराइटिस है और अभी से ही सर्दियों में चलने-फिरने की चिंता सताने लगी है, तो परेशान ना हों.
दरअसल, कुछ आसान और असरदार उपाय अपनाकर आप सर्दियों में अपने जोड़ों को सुरक्षित रख सकते हैं, दर्द कम कर सकते हैं और एक्टिव रह सकते हैं. थोड़ी सी सावधानी और स्मार्ट आदतों से ठंड में भी आप एक्टिव रह सकते हैं. चलिए जानते हैं वो क्या हैं.
1. अपने जोड़ों को गर्म रखें: ठंड से मसल्स और जोड़ अकड़ जाते हैं, जिससे दर्द बढ़ सकता है. इससे बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें. दस्ताने, गर्म मोजे और कोहनी या घुटने के वार्मर पहनकर आप अपने जोड़ों को सर्दी से बचा सकते हैं. जिन जोड़ों में आपको दर्द होता हो उन पर हीट पैड या गर्म कंबल की मदद से सिकाई करें. बाहर जाते समय अच्छे से ढकें और गर्म से अचानक ठंडे में जाने से बचें.
2. घर के अंदर एक्टिव रहें: सर्दियों में बैठे रहना आसान लगता है, लेकिन अगर आप एक्टिव नहीं रहते हैं तो आपको अर्थराइटिस का दर्द बढ़ सकता है. हल्के-फुल्के काम करने से जोड़ फ्लेक्सिबल रहते हैं और अकड़न कम होती है. योग, इनडोर साइकिलिंग या घर में टहलना आपके लिए अच्छा ऑप्शन हो सकता है. रोजाना 15-30 मिनट हल्की एक्सरसाइज करने की कोशिश करें.
3. अच्छा खाएं और हाइड्रेटेड रहें: सर्दियों में अक्सर भारी और ऑयली फूड्स खाने का मन करता है, लेकिन ये अर्थराइटिस के दर्द को बढ़ा सकता है. ऐसे में बैलेंस्ड डाइट लें जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट्स शामिल हों. मछली, हल्दी, अदरक और पत्तेदार साग सूजन कम करने में मदद करते हैं. पानी, हर्बल चाय या शोरबा पीकर हाइड्रेटेड रहें. अखरोट, बादाम और अलसी जैसे ड्राई फ्रूट्स और सीड्स ओमेगा-3 देते हैं जो जोड़ के लिए अच्छे हैं.
4. मानसिक स्वास्थ्य और नींद का ध्यान रखें: सर्दियों में दिन छोटे होने से मूड और नींद पर असर पड़ सकता है, जिससे दर्द बढ़ सकता है. नियमित नींद का समय बनाए रखें और सोने से पहले फोन या टीवी का इस्तेमाल कम करें. दिन में थोड़ी धूप लें. गहरी सांस लेना, ध्यान और माइंडफुलनेस जैसी तकनीकें स्ट्रेस कम करने में मदद करती हैं और दर्द को कम कर सकती हैं.
5. चोट और जोड़ों को रखें सुरक्षित: जोड़ों में दर्द होने से पहले ही सावधानी बरतना सबसे अच्छा है. दिन के गर्म समय में टहलें, ताकि ठंड से जोड़ एफेक्ट न हों. फिसलने से बचने के लिए अच्छी पकड़ वाले जूते पहनना जरूरी है. जरूरत पड़ने पर सपोर्ट बैंड का इस्तेमाल करें. लक्षणों पर ध्यान दें और दवा समय पर लें. अगर दर्द बढ़े, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करेंय
आजतक हेल्थ डेस्क