गंगा नदी में नहाते हुए शराब की बोतलें पकड़े खड़े कुछ लोगों का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है. कुछ लोग इन्हें ऐसा करने के लिए फटकारते दिखाई दे रहे हैं.
कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि ये लोग मुस्लिम हैं जो गंगा नदी में शराब पीकर उसकी पवित्रता का अपमान कर रहे हैं.
वीडियो में कोई शख्स नदी में खड़े चार लोगों से चिल्लाकर पूछता है, "क्या हो रहा है ये? बाहर आ." इसके बाद वो नदी में नहाते एक युवक से कहता है, "वो क्या ले रखा है तूने हाथ में?" ये सुनकर युवक नदी से बाहर आता है तो उसके हाथ में एक बोतल दिखती है जो पानी में छुपी हुई थी. इसके बाद, शराब पीने वालों से सवाल कर रहा व्यक्ति कहता है, "गंगाजी में बीयर पी रहा है". इस पर किसी के सॉरी कहने की आवाज आती है. फिर वीडियो बना रहा व्यक्ति कहता है, "तू मुसलमान है? ये हमारी गंगा मां है, तू यहां दारू पी रहा है? ये गंगा बीयर पीने के लिए है क्या? मुल्ला है तू? चौकी में ले चल इन्हें."
एक ट्विटर यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, "गंगा घाट से मुसलमानों को भगाया, गंगा में इनको दारू पीना है मस्जिद में दारू नहीं पीना है इनको."
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वीडियो में जो लोग शराब पीते हुए दिख रहे हैं, वो मुस्लिम नहीं, बल्कि हिंदू हैं. उत्तराखंड पुलिस ने हमें बताया कि गंगा नदी में शराब पीने वाले दोनों लोग हिंदू हैं. इस वीडियो को जिन लोगों ने शूट किया, उनसे भी हमारी बात हुई. उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की कि नदी में शराब पीने वालों में से कोई मुसलमान नहीं है.
ऋषिकेश के शिवपुरी की है ये घटना
हमें एक ऐसा ट्वीट मिला जिसमें इस वीडियो का क्रेडिट 'उत्तराखंड मंच' नाम के फेसबुक पेज को दिया गया है.
हमने देखा कि इस पेज पर मौजूद वीडियोज में ठीक वैसा ही 'मंच' लिखा हुआ लोगो है, जैसा वायरल वीडियो में दिख रहा है. हालांकि हमें वायरल वीडियो 'उत्तराखंड मंच' के फेसबुक पेज पर नहीं मिला.
हमने इस पेज को चलाने वाले बिरजू मयाल से संपर्क किया. बिरजू ने बताया कि वो वीडियो उन्हें डिलीट करना पड़ा क्योंकि कई लोगों ने उस पर आपत्ति जताते हुए फेसबुक से उसकी शिकायत कर दी थी. ये उन्हें सोशल मीडिया के जरिये मिला था. उन्होंने वीडियो बनाने वालों में से एक सनी शर्मा से हमारी बात कराई.
सनी ऋषिकेश में राफ्टिंग गाइड हैं. उन्होंने बताया कि ये वीडियो उन्होंने और उनके दोस्त राकेश सिंह ने बनाया था. राकेश वहां राफ्टिंग करने आए थे. उन्होंने हमें वायरल वीडियो का एक लंबा वर्जन भी भेजा, हालांकि हम उसे स्टोरी में नहीं लगा पाए क्योंकि उसमें अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया है.
सनी ने बताया, "ये घटना तीन-चार दिन पहले शिवपुरी ब्रिज के नीचे हुई थी. जब मैंने उन लोगों को शराब पीते देखा तो मुझे लगा कि ये नदी को गंदा कर रहे हैं, इन्हें मना करना चाहिए. मैंने उन्हें समझाया. लेकिन उनमें से एक ने पत्थर उठाकर मेरी तरफ फेंका. ये देखकर मुझे और मेरे दोस्त को गुस्सा आ गया और हमने उन्हें वहां से हटाया. वो लोग हिंदू थे. उनकी गाड़ी पर बिहार की नंबर प्लेट लगी थी और हिंदुओं के धार्मिक चिह्न वाले स्टिकर लगे थे." सनी ने बताया कि वो और राकेश वीडियो में दिख रहे लोगों को शिवपुरी चौकी लेकर गए थे.
क्या बोली पुलिस?
मुनि की रेती थाने के एसएचओ रितेश शाह ने हमें बताया कि ये घटना 17 जून को शिवपुरी बीच पर हुई थी. वीडियो में जो लोग नदी के पास शराब पीते दिख रहे हैं, वो सभी हिंदू हैं. इस मामले में पटना, बिहार के अंकुश कुमार और सनी कुमार का 'ऑपरेशन मर्यादा' के तहत चालान किया गया.
क्या है 'ऑपरेशन मर्यादा'?
'ऑपरेशन मर्यादा' उत्तराखंड पुलिस का एक अभियान है जिसके तहत धार्मिक स्थलों पर शराब पीने और हुड़दंग मचाने वालों पर जुर्माना लगाया जाता है.
'आजतक' के उत्तराखंड संवाददाता अंकित शर्मा ने भी हमें यही बताया कि वीडियो में शराब पीते दिख रहे लोगों के मुस्लिम होने की बात सरासर झूठ है.
कुल मिलाकर बात साफ है, ऋषिकेश में कुछ लोगों के गंगा नदी में शराब पीने का एक वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
ज्योति द्विवेदी