सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें बर्फीले इलाके में स्ट्रेचर पर बुरी तरह अकड़ चुका एक आदमी का शरीर देखा जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि ये 16 साल पहले खाईं में गिरे भारतीय सैनिक अमरीश त्यागी का शव है जो अब मिला है.
दावे के अनुसार, मुरादनगर के रहने वाले अमरीश त्यागी हिमालय की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराकर वापस लौटते वक्त खाई में जा गिरे थे. वीडियो में स्ट्रेचर के आस-पास फौजी यूनिफॉम में कुछ लोग भी देखे जा सकते हैं जो बर्फ में जम चुके शरीर को संभाल रहे हैं.
क्या है सच्चाई?
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट पूरी सच्चाई नहीं बताती. ये सच है कि 16 साल पहले हादसे का शिकार हुए अमरीश त्यागी नाम के एक भारतीय सैनिक का शव हाल ही में मिला है. लेकिन वीडियो का अमरीश त्यागी वाले मामले से कोई लेना-देना नहीं है. ये वीडियो दिसंबर 2017 या उससे पहले से इंटरनेट पर मौजूद है.
पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, "हिमालय की सबसे ऊंची चोटी पर तिरँगा फहराकर आ रहे भारतीय सैनिक श्री अमरीश त्यागी जी ग्राम हिसाली मुरादनगर 16वर्ष पहले खाई में जा गिरे थे ईश्वर की कृपा से 16वर्ष बाद उनका पार्थिव शरीर बर्फ में दबा मिला ऐसी वीरगति जो न मिटी न पिघली। फौजी अमरीश त्यागी जी की शाहदत को नमन जय हिंद". इसी कैप्शन के साथ वीडियो को फेसबुक पर भी कई लोग शेयर कर चुके हैं.
In-Vid टूल की मदद से खोजने पर हमें ये वीडियो यूट्यूब पर मिला जहां इसे 20 दिसंबर 2017 को अपलोड किया गया था. हालांकि यहां वीडियो के साथ कोई खास जानकारी मौजूद नहीं है.
2018 में भी यूट्यूब पर यह वीडियो शेयर किया गया था. इस वीडियो में जम चुके शरीर के आसपास दिख रहे लोगों को हिंदी में बातचीत करते हुए सुना जा सकता है. ये हिस्सा यूट्यूब वीडियो में 47 सेकेंड के बाद देखा जा सकता है. संभवतः इस वीडियो का संबंध भारत से ही है लेकिन पुख्ता तौर पर कुछ भी कहना मुश्किल है. पड़ताल में ये पता नहीं चल पाया कि वीडियो कहां का है और इसके पीछे की कहानी क्या है. अमरीश त्यागी का शव पिछले हफ्ते ही बरामद हुआ है. इससे यह बात स्पष्ट हो जाती है कि वीडियो का अमरीश त्यागी से कोई संबंध नहीं क्योंकि यह चार साल से इंटरनेट पर मौजूद है.
क्या है अमरीश त्यागी की कहानी?
"अमर उजाला" की खबर के मुताबिक, सितंबर 2005 में लांस नायक अमरीश त्यागी सहित सेना का एक दल हिमालय की सबसे ऊंची चोटी संतोपंथ पर तिरंगा फहराने गया था. 23 सितंबर को तिरंगा फैलाकर लौट रहे जवानों में से चार का पैर फिसल गया और वो खाई में जा गिरे. तीन सैनिकों के शव बरामद हो गए थे लेकिन अमरीश का शव नहीं मिला था.
2006 में सेना ने अमरीश को मृत घोषित कर दिया था. 16 साल बाद यानी 23 सितंबर 2021 को अमरीश का शव गंगोत्री हिमालय से बरामद हुआ. मंगलवार को अमरीश का शव गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित उनके गांव पहुंचा जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे. उनका अंतिम संस्कार किया जा चुका है. अमरीश के लापता होने के समय उनकी पत्नी गर्भवती थी. जब अमरीश का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तब बेटी ने पहली बार अपने पिता का चेहरा देखा.
(धीष्मा पुज़क्कल के इनपुट के साथ)
अर्जुन डियोडिया