फैक्ट चेक: धार्मिक स्टिकर लगाने को लेकर पुलिसकर्मी और बाइकसवार के बीच हुई झड़प का ये वीडियो राजस्थान का नहीं है

ट्रैफिक पुलिसकर्मी और एक बाइकसवार युवक के बीच चल रही तीखी बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहा है. बाइक पर लगे धार्मिक स्टिकर को लेकर पुलिसकर्मी और युवक में गहमागहमी हो रही है. लोग कह रहे हैं कि ये वीडियो राजस्थान का है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो राजस्थान का है जहां हिंदू धर्म से जुड़ा स्टिकर लगाने पर एक शख्स का चालान कर दिया गया.
सच्चाई
ये वीडियो उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी का है.

ज्योति द्विवेदी

  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST

ट्रैफिक पुलिसकर्मी और एक बाइकसवार युवक के बीच चल रही तीखी बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहा है. वीडियो में पुलिसवाला, युवक से उसकी बाइक पर लगे धार्मिक स्टिकर को लेकर आपत्ति जता रहा है. वहीं युवक अड़ा हुआ है कि भले ही उसका चालान काट दिया जाए, वो स्टिकर नहीं हटाएगा.

वीडियो को कई लोग राजस्थान का बता रहे हैं और कह रहे हैं कि वहां की कांग्रेस सरकार के राज में हिंदुओं के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है.

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वीडियो पर लिखा है, “राजस्थान के हालत खाटूश्यामजी का स्टीकर लगा है उस पर भी चालान कर रहे है मुस्लिम परस्त पार्टियों तुम्हें सेकुलर बनाकर तुम्हारा सब कुछ छीन लेंगे 80 परसेंट बिखरे हुए हिंदुओं के वोट के लिए कोई पार्टी परेशान नहीं है”
 
वीडियो को राजस्थान का बताने वाले एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

 
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो राजस्थान का नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी का है.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

हमने देखा कि वीडियो पर कमेंट करने वाले कुछ लोग लिख रहे हैं कि ये घटना उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई थी.

वीडियो में दिख रहे ट्रैफिक पुलिसकर्मी की यूनिफॉर्म पर एक लोगो नजर आ रहा है. ये लोगो उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रतीक चिह्न से एकदम मेल खाता है. वहीं, राजस्थान पुलिस का प्रतीक चिह्न एकदम अलग है.

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हमने वायरल वीडियो आजतक के लखीमपुर खीरी संवाददाता अभिषेक वर्मा को भेजा. उन्होंने हमें बताया कि ये घटना लखीमपुर खीरी की निघासन रोड में 26 अगस्त, 2023 को हुई थी. वीडियो में दिख रहे बाइक वाले लड़के का नाम मयंक शकुन अवस्थी है.

मयंक ने अभिषेक से बातचीत में ये बात स्वीकार की कि वीडियो में ट्रै​फिक पुलिसकर्मी के साथ वही हैं. उनका कहना था कि पुलिसकर्मी उनका गलत चालान काट रहे थे जिस कारण उनकी बहस हुई. आगे मयंक ने बताया कि घटना के बाद ट्रैफिक पुलिसकर्मी उनके घर भी आए थे. मयंक ने उनके साथ एक फोटो खींचकर फेसबुक पर शेयर की है.

हालांकि, लखीमपुर खीरी के ट्रैफिक इंस्पेक्टर चिरंजीवी मोहन ने आजतक को बताया कि इस घटना में जो पुलिसकर्मी नजर आ रहे हैं, उनके मन में नियमों को लेकर स्पष्टता नहीं थी. इस वजह से उन्होंने मयंक अवस्थी का चालान नहीं किया. आगे उन्होंने हमें बताया, “धार्मिक स्टिकरों के दायरे में क्या आता है क्या नहीं आता, इसे लेकर अभी विचार चल रहा है.” इसके साथ ही राजस्थान पुलिस ने भी वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे का खंडन किया है. 

 

वाहनों में स्टिकर लगाने वाले 2300 लोगों का हुआ है चालान

'द इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक, नोएडा और गाजियाबाद पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में जाति और धर्म सूचक स्टिकर लगाने वाले 2300 लोगों का चालान किया है. पुलिस के मुताबिक वाहनों के शीशे या बाॅडी पर कोई स्टिकर लगाने पर 1000 रुपये का चालान है. वहीं रजिस्ट्रेशन प्लेट पर स्टिकर लगाने पर 5000 रुपये के चालान का प्रावधान है.
 
हमारी पड़ताल से ये बात साबित हो जाती है कि वीडियो में दिख रही घटना उत्तर प्रदेश में हुई थी, न कि राजस्थान में.  

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