मंगलवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सर्विस परीक्षा-2019 का रिजल्ट जारी किया. इस प्रतिष्ठित परीक्षा में हरियाणा के प्रदीप सिंह ने टॉप किया है, वहीं दूसरे स्थान पर जतिन किशोर और तीसरे स्थान पर प्रतिभा वर्मा रहीं.
परिणाम घोषित होने के बाद सोशल मीडिया पर सफल हुए छात्रों को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया. एक लड़के की तस्वीरें शेयर करते हुए टॉपर प्रदीप सिंह को बधाइयां दी जाने लगीं. ये भी कहा जाने लगा कि यूपीएससी टॉपर प्रदीप सिंह के पिता एक पेट्रोल पंप पर काम करते हैं.
इसी सिलसिले में कुछ न्यूज वेबसाइट और सोशल मीडिया यूजर्स से एक गड़बड़ी भी हो गई. लोगों ने टॉपर प्रदीप सिंह को बधाई देते हुए उनकी गलत तस्वीर शेयर कर दी. तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति टॉपर नहीं, बल्कि एक दूसरे प्रदीप सिंह हैं, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा-2019 में 26वां स्थान प्राप्त किया है. दोनों लड़कों का नाम एक जैसा होने की वजह से ये गड़बड़ी हुई.
अमर उजाला , न्यूज एक्स सहित कई जगह पर टॉपर प्रदीप सिंह की तस्वीर की जगह दूसरे प्रदीप सिंह की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है.
टॉपर के नाम पर जिस प्रदीप सिंह की तस्वीर शेयर हो रही है, उन्होंने खुद ट्विटर पर बताया है कि उनका यूपीएससी में 26वां स्थान आया है. ये प्रदीप सिंह मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले हैं.
इंदौर के रहने वाले प्रदीप सिंह का हमें आज ही का एक टीवी इंटरव्यू भी मिला. इस इंटरव्यू में भी न्यूज एंकर ने प्रदीप को यूपीएससी टॉपर समझ लिया था, लेकिन प्रदीप ने तुरंत ही ये बात साफ कर दी कि वो टॉपर नहीं हैं.
इस बारे में हमारी बात खुद प्रदीप से भी हुई. उनका कहना था कि टॉपर और उनका नाम एक होने की वजह से ऐसा हुआ. सिविल सर्विस परीक्षा-2018 में भी प्रदीप की रैंक 93 थी. उस समय उनका चयन भारतीय राजस्व सेवा में हुआ था.
प्रदीप इस वक्त इनकम टैक्स विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर नियुक्त हैं. प्रदीप की उम्र 23 साल है और उन्होंने यूपीएससी के लिए चुने जाने वाले विषय में सोशियोलॉजी लिया था. प्रदीप ने हमें बताया कि ये बात सच है कि उनके पिता एक पेट्रोल पंप पर काम करते थे.
कौन है यूपीएससी-2019 के टॉपर प्रदीप सिंह?
यूपीएससी टॉपर प्रदीप सिंह हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले हैं, जिन्होंने यूपीएससी-2019 में पहला स्थान प्राप्त किया है. प्रदीप ने भी सिविल सर्विस परीक्षा-2018 पास की थी, तब उनकी रैंक 260 थी. 29 वर्षीय प्रदीप का चयन भी भारतीय राजस्व सेवा में हुआ था. प्रदीप के पिता सोनीपत के एक गांव के सरपंच थे और अब वे एक किसान हैं. यूपीएससी के लिए प्रदीप ने लोक प्रशासन विषय चुना था.
अर्जुन डियोडिया