किसी जर्जर क्लासरूम की एक परेशान कर देने वाली तस्वीर इस वक्त सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. क्लासरूम की छत और दीवारें काफी खराब हालत में नजर आ रही हैं. कमरे के अंदर छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को मलबे के नीचे दबे हुए देखा जा सकता है. देखने में ये किसी हादसे के बाद का मंजर लगता है.
सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस तस्वीर को हाल ही में हुए उत्तराखंड हादसे का बता रहे हैं. वहीं, कुछ लोग इसे राजस्थान में एक स्कूल की छत गिरने के बाद का बताकर शेयर कर रहे हैं.
दरअसल, हाल ही में उत्तराखंड के धराली गांव में अचानक बादल फटने से बड़ी तबाही देखी गई थी. वहीं 25 जुलाई को राजस्थान के झालावाड़ में एक स्कूल की छत गिर गई, जिसमें सात बच्चों की मौत हो गई थी.
मिसाल के तौर पर, इस तस्वीर को फेसबुक पर शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “रास्ता देखती रह गई माएं. बच्चे स्कूल से सीधे स्वर्ग चले गए. #राजस्थान स्कूल हादसा.” इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये तस्वीर असली नहीं है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI की मदद से बनाया गया है.
कैसे पता की सच्चाई?
वायरल फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमें कई ऐसे पोस्ट्स मिले, जिनमें इस तस्वीर के नीचे ‘Meta AI’ का वाटरमार्क साफ तौर पर देखा जा सकता है. इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप पर बनाई गई सभी एआई जनरेटेड तस्वीरों पर ‘Meta AI’ का वाटरमार्क लगा रहता है.
इसके अलावा हमें उत्तरकाशी पुलिस का एक एक्स पोस्ट मिला. इसमें उन्होंने वायरल तस्वीर को एआई जनरेटेड बताते हुए, इसे धराली आपदा से जोड़कर शेयर ना करने की बात कही है.
इसके बाद हमने इस तस्वीर को AI डिटेक्टर टूल्स से टेस्ट किया. ‘Hive Moderation’ और ‘Sightengine’, दोनों ही टूल्स ने इस तस्वीर को AI से बना हुआ बताया.
साफ है, जर्जर क्लासरूम के मलबे में दबे बच्चों की जो तस्वीर राजस्थान और उत्तराखंड की बताकर शेयर की जा रही है, वो असल में AI से बनाई गई है.
फैक्ट चेक ब्यूरो