पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक तारिक फतह ने 28 दिसंबर को एक फोटो ट्वीट करते हुए मुस्लिमों पर तंज कसा. फोटो में दिखाई ये देता है कि कुछ लोग किसी सड़क पर नमाज पढ़ रहे हैं. नमाज पढ़ते इन लोगों के ठीक पीछे लाइन से कई सारी साइकिलें खड़ी हैं. हैरान कर देने वाली बात ये है कि ये साइकिलें नमाजियों के इतने करीब करीब खड़ी हैं कि उनके शरीर को छू रही हैं.
तारिक फतह ने इस फोटो के साथ कैप्शन लिखा, “या तो ये हलाल साइकिल स्टैंड है, या फिर इन लोगों को डर है कि जब ये नमाज पढ़ रहे होंगे तो इनकी साइकिल कोई चोरी करके ले जाएगा.” इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि तारिक फतह ने जो फोटो शेयर की है, वो एडिटेड है. असली फोटो मोरोक्को की है जिसमें सिर्फ नमाज पढ़ते कुछ लोग नजर आ रहे हैं. साइकिलों की तस्वीर इसमें एडिटिंग के जरिये अलग से जोड़ी गई है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
हमने देखा की तारिक फतह के ट्वीट के नीचे मंसूर शेख और तनवीर चौधरी जैसे कई लोगों ने कमेंट किया है कि ये फोटो एडिटेड है. साथ ही, इन लोगों ने कुछ स्टॉक इमेज वेबसाइट्स पर मौजूद उसी फोटो के स्क्रीनशॉट भी लगाए हैं. इन स्क्रीनशॉट्स में नमाज पढ़ते लोग तो हैं, पर साइकिलें कहीं नजर नहीं आ रही हैं.
इन जानकारियों की मदद से खोजने पर हमें ये फोटो 'शटरस्टॉक' वेबसाइट पर मिली. यहां बताया गया है कि ये फोटो 8 अगस्त, 2010 को मोरोक्को के मरक्केश शहर में नमाज पढ़ते कुछ लोगों की है.
वायरल फोटो से इस फोटो की तुलना करने पर साफ पता लग रहा है कि ये दोनों तस्वीरें एक ही हैं. वायरल फोटो में बस साइकिलें अलग से जोड़ दी गई हैं.
तारिक फतह अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहते हैं. वो इससे पहले भी कई बार भ्रामक तस्वीरें और वीडियो शेयर कर चुके हैं. उस वक्त भी हमने उनकी जांच करके सच्चाई बताई थी. ऐसे ही कुछ फैक्ट चेक आप यहां , यहां और यहां पढ़ सकते हैं.
ज्योति द्विवेदी