सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें देखा जा सकता है कि सड़क पर आक्रोशित भीड़ एक व्यक्ति को दौड़ाते हुए उस पर लाठी-डंडों से हमला कर रही है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि राजस्थान में भगवा झंडा उतारने और उसका अपमान करने वाले कांग्रेसी विधायक रामकेश मीणा को हिंदुओं ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा.
दरअसल, 21 जुलाई को रामकेश मीणा नाम के एक कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक की मौजूदगी में जयपुर के आमागढ़ किले पर लगा भगवा झंडा गिरवा दिया था. इस दौरान झंडा फट गया था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. घटना पर हिंदूवादी संगठनों ने नाराजगी जताई और रामकेश मीणा की गिरफ्तारी की मांग की. अब इसी को ध्यान में रखते हुए ये वीडियो वायरल हो रहा है और कहा जा रहा है कि भगवा ध्वज की बेअदबी करने पर रामकेश मीणा को जनता ने पीट दिया.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह से सही नहीं है. वीडियो में भीड़ जिस व्यक्ति पर हमला करते हुए दिख रही है वो रामकेश मीणा ही हैं, लेकिन वीडियो अप्रैल 2018 का है जब राजस्थान में एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने मीणा की पिटाई कर दी थी.
इस वीडियो को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए एक यूजर ने लिखा है, "वामपंथी और इस्लामिक गुरुओं के बहकावे में आके भगवा ध्वज उतारने वाले #रामकेश_मीणा कांग्रेसी विधायक को हिंदुओं ने दौड़ा दौड़ा कर पीटा, बहुत कर लिये सनातन धर्म और मेरे श्रीराम का अपमान अब बस क्योंकि अब हिन्दू जाग रहा है!!" भगवा झंडे वाले मामले से जोड़ते हुए इस वीडियो को फेसबुक और ट्विटर पर काफी शेयर किया जा रहा है. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
कैसे पता की सच्चाई?
कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें पता चला कि इस वीडियो को अप्रैल 2018 में भी शेयर किया गया था. यूट्यूब और ट्विटर पर वीडियो को पोस्ट करते हुए लोगों ने बताया था कि पूर्व विधायक रामकेश मीणा को गंगापुर सिटी में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया.
इसके बाद हमें "न्यूज 18" की एक खबर भी मिली जिसमें वायरल वीडियो का एक स्क्रीनशॉट मौजूद था. 7 अप्रैल 2018 को प्रकाशित हुई इस खबर के अनुसार, 2 अप्रैल 2018 को राजस्थान सहित देश के कई हिस्सों में एसटी-एससी अधिनियम में बदलाव के विरोध में प्रदर्शन हुए थे और हिंसा देखने को मिली थी. सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी में भी उपद्रवियों ने बवाल किया था. इस दौरान रामकेश मीणा उपद्रवियों को समझाने के लिए पहुंचे थे लेकिन गुस्साई भीड़ ने उनकी एक नहीं सुनी और उन पर हमला कर दिया. उपद्रवियों ने मीणा को पीटा था और कपड़े फाड़ दिए थे. घटना के समय रामकेश मीणा विधायक नहीं थे लेकिन 2018 में ही हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में उन्होंने गंगापुर सिटी पर निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत गए थे.
इस तरह ये साबित हो जाता है कि रामकेश मीणा के साथ हुई मारपीट का ये वीडियो तीन साल से ज्यादा पुराना है और इसका भगवा झंडा उतारे जाने वाले केस से कोई लेना देना नहीं है.
रामकेश मीणा ने क्यों हटवाया किले से भगवा झंडा?
इस बारे में मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक, रामकेश मीणा और उनके समर्थकों का कहना है कि आमागढ़ किला आदिवासी मीणा समाज की ऐतिहासिक धरोहर है और आरएसएस के लोगों ने भगवा झंडा फहराकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई थी. मीणा ने कहा कि उनको इस जगह पर कब्जा होने की आशंका थी इसलिए वे झंडा हटवाने पहुंचे थे.
रामकेश ने ये भी कहा है कि जिन लोगों ने ये झंडा लगाया था उन्हीं ने इसे उतारा और अपनी गलती मानी. कुछ खबरों में झंडे पर "जय श्री राम" लिखे होने की बात भी बताई गई है. मामले में दोनों पक्षों की तरफ से एफआईआर दर्ज करवाई गई है.
अर्जुन डियोडिया