सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरों के जरिए यह दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के कोटा के एक कोचिंग सेंटर में हथियारबंद बदमाश घुस गए. जिस वजह से वहां हड़कंप मच गया. दावे में फायरिंग की बात भी कही गई है. पोस्ट में कई तस्वीरें हैं जिनमें सुरक्षा बल के कपड़ों में कुछ जवानों को कोचिंग संस्थान में तैनात देखा जा सकता है. कुछ तस्वीरों में जमीन पर बदहवास होकर लेटे कुछ आदमी भी नजर आ रहे हैं. तस्वीरों को देखकर ऐसा लग रहा है कि कोचिंग संस्थान में सुरक्षा बल के जवानों और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई है.
तस्वीरों को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने कैप्शन में लिखा, "#Kota: कोचिंग सेन्टर में हथियारबंद बदमाश घुसने से मचा हड़कंप. दमकल-एम्बुलेन्स सहित भारी पुलिस जत्था रवाना. रेजोनेन्स कोचिंग संस्थान में हथियार समेत घुसने की खबर, पुलिस ने पूरे इलाके को किया सील,फायरिंग की भी मिल रही सूचना #KotaPolice #IgpKota".
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीरों के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. ये तस्वीरें कोटा के रेजोनेंस कोचिंग संस्थान में 14 अगस्त, 2021 को हुई एक मॉक ड्रिल की हैं.
फेसबुक पर इससे जुड़ी पोस्ट काफी वायरल हो रही हैं. सिर्फ सोशल मीडिया यूजर्स ही नहीं, इस मॉक ड्रिल को कुछ मीडिया संस्था भी सच की घटना समझ बैठे और इसको लेकर खबर चला दी. हालांकि, कुछ देर बाद यह स्पष्ट किया गया कि ये एक मॉक ड्रिल थी.
कैसे की पड़ताल?
इस बारे में हमें कोटा रेजोनेंस संस्थान के आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक पोस्ट मिली. पोस्ट में वायरल तस्वीरें मौजूद हैं और साथ में बताया गया है कि कोचिंग परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस की तरफ से मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ.
इस बारे में 'पत्रिका' ने भी 14 अगस्त को एक खबर प्रकाशित की थी. इस खबर में बताया गया है कि 15 अगस्त की तैयारियों के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने एक दिन पहले कोचिंग संस्थान में मॉक ड्रिल का आयोजन किया था. मॉक ड्रिल के तहत आतंकियों ने दो छात्रों सहित चार लोगों का अपहरण कर उन्हें कोचिंग संस्था में बंधक बना लिया था. इसके बाद पुलिस, स्पेशल कमांडो फोर्स, बीडीएस, एटीएस, की टीमों ने बंधकों को छुड़ा लिया.
यहां इस बात की पुष्टि हो जाती है कि वायरल हो रही ये तस्वीरें किसी असली घटना की नहीं, बल्कि पुलिस द्वारा की गई एक मॉक ड्रिल की हैं. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इन तस्वीरों को वास्तविक घटना से जोड़ दिया है जिस वजह से भ्रम फैल रहा है.
अर्जुन डियोडिया