देश की राजधानी दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. पानी घुसने के कारण निचले इलाकों को खाली भी कराया गया है. हालांकि, खबरों के मुताबिक, 5 सितंबर से यमुना का जलस्तर घट रहा है, लेकिन फिर भी खतरा अभी टला नहीं है.
इस बीच इंटरनेट पर दिल्ली का बताकर एक वीडियो वायरल हो गया है जिसमें किसी मल्टी-लेन सड़क पर बड़ी संख्या में लोगों को भागते हुए देखा जा सकता है. वीडियो के जरिए कहा जा रहा है कि यमुना में आई बाढ़ से दिल्ली के लोग भाग रहे हैं.
वायरल वीडियो में सड़क पर भाग रहे लोगों के अलावा कुछ और क्लिप्स को भी देखा जा सकता है जिनमें अलग-अलग जगहों पर भयानक बाढ़ का तांडव नजर आ रहा है.
लेकिन आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि भागती भीड़ का ये वीडियो दिल्ली तो क्या भारत का ही नहीं है. ये केन्या में हुए एक विरोध प्रदर्शन का वीडियो है. इसके अलावा बाढ़ की क्लिप्स का भी दिल्ली से कोई संबंध नहीं है.
कैसे पता की सच्चाई?
वीडियो को गूगल लैंस से सर्च करने पर हमें ये एक यूट्यूब चैनल पर मिला. यहां इसे 7 जुलाई को शेयर किया गया था. इससे एक बात साफ हो जाती है कि वीडियो पुराना है. इसका दिल्ली में यमुना के जलस्तर बढ़ने से कोई लेना-देना नहीं है.
इस यूट्यूब वीडियो में एक टिकटॉक आईडी का वॉटरमार्क ‘@_isaac_izo_’ दिख रहा है. इस क्लू की मदद से हमें पता चला कि टिकटॉक पर इस वीडियो को 26 जून को शेयर किया गया था. वीडियो के साथ कैप्शन में सिर्फ इतनी जानकारी दी गई है कि ये किसी विरोध प्रदर्शन का वीडियो है.
पोस्ट के कमेंट्स में एक यूजर ने लिखा है कि ये केन्या के जूजा का वीडियो है. हमें 25 जून की कई वीडियो रिपोर्ट्स भी मिलीं जिनमें बताया गया है कि जूजा में उस समय हिंसक प्रर्दशन हुए थे.
उस वक्त सोशल मीडिया पर भी जूजा का बताकर प्रर्दशन के कई वीडियो वायरल हुए थे. इन वीडियो में जो जगह दिख रही है वो वायरल वीडियो से काफी मिलती-जुलती है. एक पोस्ट में इस जगह को जूजा पुलिस स्टेशन के पास का बताया गया है.
इन जानकारियों के आधार पर हमने वायरल वीडियो वाली जगह को गूगल स्ट्रीट व्यू पर ढूंढने की कोशिश की. हमें वो मल्टी-लेन सड़क मिल गई जहां वीडियो में लोग भागते हुए दिख रहे हैं.
इससे ये स्पष्ट हो जाता है कि वीडियो केन्या का है. दरअसल उस समय केन्या में बड़े स्तर पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए थे. इसमें बड़ी संख्या में केन्या के युवा शामिल हुए थे इसलिए इसे जेनजी (Gen Z) प्रोटेस्ट नाम दिया गया था.
प्रदर्शन की शुरुआत 2024 में हुई थी जब केन्या सरकार एक फाइनेंस बिल लाई थी. इस बिल में टैक्स में बढ़ोतरी की बात कही गई थी. इससे केन्या की जनता नाराज हो गई थी और लोग सड़कों पर उतर आए थे. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों से झड़प में कई प्रदर्शनकारियों की मौत भी हो गई थी.
इसी की याद में एक साल बाद फिर से केन्या में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन शुरू हो गए थे और इसी दौरान वहां एक टीचर और ब्लॉगर की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी.
ये टीचर केन्या के मुद्दों पर मुखर होकर आवाज उठाते थे. उनकी मौत ने इस प्रदर्शन को भड़का दिया था और केन्या की राजधानी नायरोबी में हिंसा फैल गई थी. झड़प में कई लोगों की जान चली गई थी.
इसके अलावा, वायरल वीडियो में बाढ़ के जो क्लिप्स दिखाए गए हैं वो भी महीनों पुराने हैं. एक भी क्लिप का इस साल यमुना में बढ़े जलस्तर से कोई लेना-देना नहीं है.
फैक्ट चेक ब्यूरो