सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी के नाम पर वायरल हो रहा एक कथित गोपनीय डॉक्यूमेंट काफी चर्चा में है. इसमें साल 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की बात लिखी है. ऐसा कहा जा रहा है कि ये डॉक्यूमेंट बीजेपी सरकार के हाथ लग गया है और आजतक न्यूज चैनल ने इस मामले का खुलासा किया है.
ऐसा कहने वाले सोशल मीडिया यूजर्स आजतक की एक वीडियो रिपोर्ट शेयर कर रहे हैं. इसमें एंकर श्वेता सिंह एक डॉक्यूमेंट के बारे में बता रही हैं जिसका शीर्षक हैं- "टुवर्ड्स रूल ऑफ इस्लाम इन इंडिया". इसके बाद वो बताती हैं कि इस डॉक्यूमेंट में क्या-क्या लिखा हुआ है. डॉक्यूमेंट के अनुसार, भारत में नौ जिलों में मुस्लिमों की आबादी 75 प्रतिशत से अधिक है. अगर 10 प्रतिशत मुस्लिम आबादी भी पीएफआई के साथ आ जाए तो बुजदिल समुदाय को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया जाएगा. इस रिपोर्ट में डॉक्यूमेंट के बारे में और भी कई बातें बताई गई हैं जिन्हें नीचे वीडियो में देखा जा सकता है.
एक्स से लेकर फेसबुक तक हर जगह ये वीडियो खूब शेयर हो रहा है और इसके जरिये कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा जा रहा है.
ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
हमने पाया कि आजतक की ये रिपोर्ट साल 2022 में बिहार में पीएफआई से संबंधित दो लोगों पर हुई कार्रवाई से संबंधित है. उस वक्त बिहार पुलिस को सचमुच ये विवादित डॉक्यूमेंट मिला था जिसमें 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की बात लिखी थी. लेकिन उस वक्त जांच में कांग्रेस पार्टी का नाम कहीं भी सामने नहीं आया था. आजतक की इस रिपोर्ट में भी कांग्रेस पार्टी का कोई जिक्र नहीं है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
कीवर्ड सर्च के जरिये तलाशने पर हमें आजतक का वो न्यूज बुलेटिन मिल गया, जिसमें से वायरल वीडियो वाला अंश लिया गया है. 14 जुलाई, 2022 को इस बुलेटिन का आजतक के आधिकारिक एक्स हैंडल पर लाइव प्रसारण किया गया था. इसमें वायरल वीडियो वाला हिस्सा 18 मिनट 45 सेकंड पर देखा जा सकता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 11 जुलाई, 2022 को बिहार पुलिस ने फुलवारी शरीफ, पटना में दो संदिग्ध लोगों के पास से एक विजन डॉक्यूमेंट बरामद किया था. इसमें 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के मिशन के बारे में लिखा था. जांच में पता लगा था कि इन दोनों लोगों के तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, पटना पुलिस ने दावा किया था कि मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज नाम के दो संदिग्धों के ठिकानों से ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिसमें भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए 'प्लान 2047' का जिक्र है. साथ ही, ये भी बताया गया था कि जहां मोहम्मद जलालुद्दीन, झारखंड पुलिस में दरोगा पद से रिटायर है, वहीं अतहर परवेज प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का पुराना सदस्य है. अतहर के भाई पर साल 2013 में पीएम मोदी की रैली के दौरान धमाके करने का आरोप लगा था.
उस वक्त पुलिस ने आरोप लगाया था कि अतहर, जलालुद्दीन से किराए पर घर लेकर उसमें मार्शल आर्ट्स के नाम पर हथियारों की ट्रेनिंग दिया करता था. रिपोर्ट के अनुसार, उस वक्त पीएफआई ने इस डॉक्यूमेंट को फर्जी बताया था.
साल 2022 में जब ये विवादित डॉक्यूमेंट सामने आया था, तो कई न्यूज वेबसाइट्स ने इस बारे में खबरें छापी थीं. किसी भी खबर में कांग्रेस पार्टी का जिक्र नहीं था.
साफ है, आजतक की एक पुरानी रिपोर्ट को गलत दावे के साथ पेश किया जा रहा है जिससे लोगों में भ्रम फैल रहा है.
ज्योति द्विवेदी