फैक्ट चेक: नूंह हिंसा के बाद गिरफ्तारी के डर से रोने लगे बिट्टू बजरंगी? ये वीडियो पुराना है

वीडियो में बिट्टू बजरंगी को मुसलमानों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते और खुद की हत्या की आशंका जताते हुए देखा जा सकता है. आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि बिट्टू बजरंगी का ये वीडियो करीब एक साल पुराना है. नूंह में हाल ही में हुई हिंसा से इसका कोई लेना-देना नहीं है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
मेवात हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार होने के डर से हिंदुत्व नेता बिट्टू बजरंगी रोने लगा.
सच्चाई
ये वीडियो करीब एक साल पुराना है और इसका नूंह हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है.

विकास भदौरिया

  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 9:29 PM IST

हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के बाद बिट्टू बजरंगी नाम के एक हिंदुत्व नेता का वीडियो खूब वायरल हुआ. इस वीडियो में वो नूंह जाने की बात कर रहे हैं और वहां के लोगों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने ये भी कबूला कि उनकी नूंह में होने वाली रैली में शामिल कुछ लोगों के पास तलवारें भी थीं. लेकिन हिंसा के बाद से ही सोशल मीडया पर बिट्टू बजरंगी के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. 

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इस बीच बिट्टू बजरंगी का एक अन्य वीडियो भी खूब वायरल है, जिसमें वो रोते हुए दिखाई दे रहे हैं. कहा जा रहा है कि नूंह हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तारी के डर से उनके हाथ-पांव फूल गए और वो रोने लगे. 

वीडियो में बिट्टू बजरंगी को मुसलमानों के लिए आपत्तिजनक शब्दों  का इस्तेमाल करते और खुद की हत्या की आशंका जताते हुए देखा जा सकता है. इस वीडियो को शेयर करते हुए एक शख्स ने लिखा, "ये बिट्टू बजरंगी भाईजान है मोनू मानेसर के साथी हैं मगर पुलिस की गिरफ्तारी से पहले रो रो कर अपील कर रहें हैं!" 

ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. 

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि बिट्टू बजरंगी का ये वीडियो करीब एक साल पुराना है. नूंह में हाल ही में हुई हिंसा से इसका कोई लेना-देना नहीं है. 

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कैसे पता लगाई सच्चाई?

कीवर्ड सर्च करने पर हमें इस वीडियो का लंबा वर्जन फेसबुक पर मिला. ‘एनीटाइम न्यूज’ नाम के एक फेसबुक पेज ने इस वीडियो को 13 अप्रैल 2022 को पब्लिश किया था. 

इस वीडियो में वो कुछ पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं कि उन पर अपने कार्यकर्ताओं के नाम बताने का दबाव बनाया जा रहा है. वो कहते हैं कि मैं अपने कार्यकर्ताओं का नाम नहीं दूंगा, भले ही उन्हें जेल हो जाए या मार दिया जाए. वीडियो में वो किसी रैली का जिक्र करते हैं, जिसमें उनपर तलवार निकालने का आरोप है. 

इसके बाद हमें ‘फरीदाबाद न्यूज’ नाम के यूट्यूब चैनल पर एक और वीडियो मिला जिसमें उन्होंने तब अपने रोने के कारण की सच्चाई बताई थी.  

वीडियो में बिट्टू बजरंगी कहते हैं, "10 अप्रैल को मैंने हिंदू भगवा रैली निकाली थी...रैली निकालने के बाद से मुझे मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा है...पुलिस वाले मेरे घर आ रहे हैं...मुझे बैठा कर डीसीपी के यहां ले जा रहे हैं... और मेरे से उलटे-सीधे सवाल करते हैं कि आपने रैली क्यों निकाली.”

उन्होंने आगे जानकारी दी कि उनके संगठन ने बिना पुलिस की इजाजत के ये रैली निकाली थी, जिसमें कुछ लोगों ने तलवारें निकाल ली थीं.  

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'फरीदाबाद न्यूज’ की वेबसाइट पर 10 अप्रैल 2022 को छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, गौरक्षा बजरंग फोर्स के संयोजक बिट्टू बजरंगी ने इस रैली का आयोजन किया था, जिसमें दक्षिणपंथी न्यूज चैनल सुदर्शन न्यूज के मालिक सुरेश चव्हाणके मुख्य अतिथि थे.

हमें एक और वीडियो भी मिला जिसमें कोई लोकल पत्रकार फरीदाबाद के सारन थाना प्रभारी राजेश बागड़ी से पूछ रहे हैं कि बिट्टू बजरंगी की रैली की तैयारियां कैसी हैं और तलवारबाजी की अनुमति है या नहीं. इस पर बागड़ी ने बताया था कि ये रैली शांति से निकलेगी और तलवारबाजी नहीं करने दी जाएगी. लेकिन हमें फेसबुक पर कुछ वीडियोज मिले जिनमें रैली में शामिल लोग तलवारबाजी करते और आपत्तिजनक बयान देते दिखाई दिए. संभवतः इसी के चलते पुलिस ने उन से पूछताछ की होगी, जिससे परेशान होकर उन्होंने ये वीडियो बनाया.

साफ है, बिट्टू बजरंगी के एक पुराने वीडियो को नूंह जिले में हुई हालिया हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.

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