पंजाब के सभी 23 जिले इस वक्त बाढ़ की चपेट में हैं. हालात इतने खराब हैं कि बाढ़ से अबतक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 3 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. यहां नदियां खतरे के निशान से लगातार ऊपर बह रही हैं.
इस बीच, खूब सारे नोटों से भरा बोरा खाली करते कुछ मुस्लिम लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है. वीडियो को भारत का बताते हुए कुछ लोगों का कहना है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पंजाब बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए ये पैसा दिया है.
वायरल वीडियो को फेसबुक पर शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “पंजाब में बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद के लिए उतरे हमारे मुसलमान भाई. आखिर भाई ही भाई की मदद के लिए उतरता है बुरे वक्त में. मेरा दिल से सलाम है मेरे मुसलमान भाइयों को. ये बात नफरती टट्टू नहीं समझ पाएंगे.” इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
हालांकि, आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो बांग्लादेश के किशोरगंज में पगला मस्जिद को मिले डोनेशन को दिखाता है. हालांकि, ये भी सच है कि कुछ मुस्लिम संगठन पंजाब बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए हैं.
कैसे पता की सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें Somoyer Konthosor नाम के एक फेसबुक अकाउंट पर 30 अगस्त, 2025 के एक पोस्ट में मिला. वीडियो के साथ दी गई जानकारी में इसे बांग्लादेश की पगला मस्जिद का बताया गया है.
इस जानकारी के साथ सर्च करने पर हमें ये वीडियो कई बांग्लादेशी न्यूज आउटलेट्स की वीडियो रिपोर्ट्स में मिला. इनके मुताबिक ये किशोरगंज की पगला मस्जिद का वीडियो है और बोरे में दिख रहे नोट मस्जिद को मिले दान के हैं.
Dhaka Tribune की रिपोर्ट के मुताबिक 30 अगस्त, 2025 को पगला मस्जिद में दान के पैसों की गिनती की गई थी. कुल 13 डोनेशन बॉक्स की गिनती में पाया गया था कि मस्जिद को 12 करोड़ टका (बांग्लादेशी मुद्रा) दान के रूप में मिले थे. दान में कैश के अलावा सोना, चांदी और विदेशी करंसी भी पाई गई थी.
बता दें कि पगला मस्जिद में हर 4 महीने में दान के पैसों की गिनती होती है. इससे पहले ये गिनती अप्रैल 2025 में की गई थी जिसमें मस्जिद को 9 करोड़ 17 लाख टका दान मिला था.
हालांकि, ये बात भी सच है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पंजाब में आई बाढ़ के बीच मदद का हाथ आगे बढ़ाया है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भी पंजाब में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री पहुंचाने का ऐलान किया है. लेकिन, वायरल वीडियो भारत का नहीं है.
फैक्ट चेक ब्यूरो