पिज्जा ज्वॉइंट में किया काम, 'भाग्य लक्ष्मी' फेम अंकित कैसे बने पॉपुलर टीवी स्टार?

अंकित भाटिया ने सीरियल 'भाग्य लक्ष्मी' से इंडस्ट्री में कदम रखा है. इन्होंने इसमें निगेटिव किरदार निभाया है. अंकित का हमेशा से ही एकता कपूर के प्रोडक्शन हाउस तले डेब्यू करने का सपना रहा था. हाल ही में एक इंटरव्यू में अंकित ने बताया कि कैसे आखिर वह डिजिटल प्लेटफॉर्म से टीवी की दुनिया में आए.

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अंकित भाटिया अंकित भाटिया

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:51 PM IST
  • अंकित भाटिया ने किया स्ट्रगल
  • शुरुआत की निगेटिव रोल से

एक्टर अंकित भाटिया ने सीरियल 'भाग्य लक्ष्मी' से इंडस्ट्री में कदम रखा है. इन्होंने इसमें निगेटिव किरदार निभाया है. अंकित का हमेशा से ही एकता कपूर के प्रोडक्शन हाउस तले डेब्यू करने का सपना रहा था. हाल ही में एक इंटरव्यू में अंकित ने बताया कि कैसे आखिर वह डिजिटल प्लेटफॉर्म से टीवी की दुनिया में आए. किस तरह उन्होंने एक पिज्जा ज्वॉइंट में काम कर सेविंग्स कीं और अपने सपनों को पूरा किया. 

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अंकित ने बताई जर्नी
अंकित ने ई-टाइम्स संग बातचीत में कहा कि मैं रुड़की का रहने वाला हूं. मेरी मां एक स्कूल में प्रिंसिपल थीं और अब वह रिटायर हो चुकी हैं. मेरे पिता आज भी जनरल स्टोर चलाते हैं. मेरा प्लान था घर से बाहर निकलने का. मेरा हमेशा से प्लान रहा एक्टर बनने का. मैंने बीपीओ में जॉब की, टीम लीडर बना, मैनेजर और फिर प्रमोट भी हुआ. लेकिन मैं कभी अपनी नौकरी से खुश नहीं रहा. दिल्ली से मैं मुंबई आना चाहता था. साल 2015 तक मैं दिल्ली में था और सोच चुका था कि मुंबई पहुंचने में मुझे फिर चाहे 10 साल क्यों न लग जाएं मैं मुंबई जाऊंगा.

अंकित ने आगे कहा कि मुंबई में सरवाइव करना आसान नहीं था. फिर चाहे आप दिल्ली से ही क्यों न आते हों, मुंबई अलग देश लगता है. स्ट्रगल था, लेकिन मैं कुछ अच्छे लोगों से मिला. मैंने कास्टिंग एजेंट के रूप में काम किया. फिर अस्सिटेंट डायरेक्टर, इसके अलावा प्रोडक्शन हाउस में भी काम किया. हर वह काम किया जो मेरे हिस्से में आ रहा था. मेरी पत्नी ने मुझे बहुत सपोर्ट किया. 

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अंकित कहते हैं कि 12वीं के बाद मैं दिल्ली आया. इंग्लिश अच्छी नहीं थी मेरी. कॉल सेंटर से मुझे रिजेक्शन मिले. 12वीं के रिजल्ट का इंतजार कर रहा था. मैंने देखा कि एक पिज्जा ज्वॉइंट खुल रहा है. मैंने इंटरव्यू क्लियर किया और उन्होंने मेरे से डॉक्यूमेंट्स मांगे. मुझे पहली सैलरी भी नहीं मिल पाई थी, क्योंकि मेरे मैनेजर से लड़ाई हो गई थी. मैंने वहां 15 दिन काम किया, जिसमें मुझे कस्टमर्स के लिए दरवाजा खोलना और बंद करना था. इसके बाद मैंने किचन में काम किया. मुझे लगा कि यहां काम नहीं कर पाऊंगा. फिर मैंने कॉल सेंटर की ओर रुख किया. इसके बाद आईटी कंपनी में काम किया, फिर कुछ कंपनियों में काम किया. अच्छी सैलरी मिलने लगी, मैं मुंबई शिफ्ट हो गया, जहां मैंने अपना रास्ता खुद बनाया और आज मैं स्ट्रगल के बाद यहां आप सभी के सामने हूं.

 

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