Aruna Vijay Masterchef: 'बाहर जाना है तो घर पर खाना बनाकर जाना होगा', मास्टर शेफ बनने से चूकीं अरुणा, सुनाई आपबीती

ऐसा नहीं है क‍ि हममें से हर क‍िसी को बढ़‍ियां खाना बनाना आता ही हो. हालांक‍ि मुश्किल ही कोई ऐसा मिलेगाा, जिसे 2 मिनट वाली मैगी भी ना बनाते आती हो. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने कुकिंग की दुनिया में महारथ हासिल कर रखी है. उन्हीं में से एक हैं अरुणा विजय, जो र‍ियल‍िटी शो 'मास्टर शेफ' में नजर आ चुकी हैं. पढ़‍िए अरुणा से aajtak.in की खास बातचीत.

Advertisement
Aruna Vijay in Masterchef Aruna Vijay in Masterchef

आयुषी मोदी

  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 12:54 PM IST

र‍ियल‍िटी शोज कुछ कंटेस्टेंट काफी फैन फॉलाइंग बटोरकर सुर्ख‍ियों में आ जाते हैं, हमलोग उनकी पर्सनल लाइफ और उनके स्ट्रगल के बारे में जानने के उत्सुक रहते है. इसी स‍िलस‍िले में हमने बात की र‍ियल‍िटी शो 'मास्टरशेफ इंडिया 7' की टॉप मोस्ट कंटेस्टेंट अरुणा विजय से और बात की उनकी लाइफ और शो की जर्नी के बारे में. अरुणा एक हाउसवाइफ हैं और चेन्नई की रहने वाली हैं. पढ़ें अरुणा से aajtak.in की ये खास बातचीत. 

Advertisement

आपको खाना बनाने की प्रेरणा किससे मिली?
मुझे मेरी मां ने खाना बनाना सिखाया. वही मेरी प्रेरणा हैं. मैंने हर बार अपनी मां जैसा ही खाना बनाने की कोशिश की. इस दौरान कई बार ऐसा हुआ कि मैंने कोई डिश तो मैंने बना ली, लेकिन उनके हाथ जैसा स्वाद मुझे नहीं मिला. मैं कभी अपनी मां के हाथ के खाने से बोर नहीं हुई. पहले मुझे भी बाहर का खाना अच्छा लगता था, लेकिन जब मैं घर से बाहर निकली, तब मुझे अपनी मां के हाथ की खाने के अहमियत समझ आई.

क्या आपके बच्चे भी बाहर के खाने के शौकीन है?
मुझे लगता है कि मेरे बच्चों को मेरे हाथ का खाना बहुत पसंद है. मैं बहुत की सख्त मां हूं, मैं हफ्ते में बस एक बार अपने बच्चों को बाहर का खाना खाने देती हूं, लेकिन वे कभी ज्यादा जिद नहीं करते हैं. 

Advertisement

रोज आप अपने घर में क्या-क्या बनाती हैं?
यकीन करिए मैं रोज सादा खाना ही बनाती हूं. मुझे घर पर बहुत सामान फैलाना पसंद नहीं. मेरे बच्चे रोज स्कूल जाने से पहले मुझे बताकर जाते हैं कि वे आकर क्या खाना चाहते हैं. इसलिए शाम का खाना बच्चों के हिसाब के बनता हैं. लेकिन सुबह में अपने पति और सास से पूछकर ही खाने का मैन्यु ड‍िसाइड करती हूं.

आपका Go to फूड क्या है?
मुझे और मेरे घरवालों को दाल-चावल और घी बहुत पसंद है. मैं कभी इससे बोर नहीं होती. मेरे बच्चे भी दाल-चावल और घी बड़े ही चाव से खाते हैं. कोविड के समय में मुझे कभी खाना बनाने में दिक्कत नहीं हुई.

आपको कब लगा कि कुकिंग आपका पैशन है?
कॉलेज टाइम पर मैं रोज घर में खाना बनाती थी. अगर कभी मुझे अपने दोस्तों के साथ बाहर जाना होता था तो मेरी मां कहती थीं कि पहले खाना बनाओ और फिर जाओ. और जब ऐसे मेरे घरवालों ने मेरा खाना पसंद किया तो मुझे खूब तारीफ भी मिली और ऐसे ही धीरे-धीरे मैंने नई-नई चीजें बनाने की शुरुआत की.

जब आपके घरवालों को पता चला कि आप मास्टर शेफ में जाने वालीं हैं तो उनका क्या कहना था?
मेरे घरवालों ने मुझे हमेशा सपोर्ट किया. मेरी सास को जब मैंने बताया कि शायद मैं मास्टर शेफ में जाने वाली हूं तो उन्होंने बस एक बात कही कि हम तो कुछ नहीं कर पाए, तुमको मौका मिला है तो बिना किसी टेंशन के जाओ. मेरे घरवाले ही मेरा सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम हैं

Advertisement

कैसा रहा आपका मास्टरशेफ का सफर?
मुझे लगता था कि मैं वहां नहीं जा पाऊंगी. क्योंकि मुझे इतनी फैंसी प्लेटिंग नहीं आती थी. लेकिन जब मैं वहां गई तो मुझे यही पूछा गया कि क्या आप आगे भी ऐसा साउथ इंडियन खाना बनाएंगी. मेरा मकसद ही शो में साउथ इंडिया खाना बनाना था.

तीनों शेफ में से आपका पसंदीदा शेफ कौन है?
इस सवाल का जवाब देना तो काफी मुश्किल है क्योंकि तीनों शेफ ने मुझे कई सारी चीजें सिखाईं हैं. शेफ रणबीर का नॉलेज कमाल का है. वे खाने के बारे में बहुत किताबें पढ़ते हैं. शेफ गरिमा को देखकर लगता था कि मुझे भी इनके जैसा बनना है. और शेफ विकास बहुत ही प्यारे हैं. जब कभी डिश की वजह से मूड खराब हो जाता था तो शेफ विकास को तुरंत पता चल जाता था. उन तीनों के अंडर काम करना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है. 

अगर आपके पास Immunity Pin नहीं होता तो क्या आप अंडे वाला टास्क पूरा करतीं?
मैंने कभी नॉनवेज नहीं बनाया है. कई लोगों ने मुझसे इस बारे में सवाल पूछे हैं. अगर मेरे पास Immunity Pin नहीं होता तो मैं खुशी-खुशी शो से बाहर हो जाती. उस दौरान मैं अंडे देखकर रोने लगी थी क्योंकि मैं अपना Immunity Pin इतने जल्दी नहीं इस्तेमाल करना चाहती थी. लेकिन मुझे खुशी है कि मैं अपनी उसूल से नहीं हटी. 

Advertisement

अगर आप मास्टर शेफ जीत जातीं तो उसके बाद क्या करतीं?
अगर मैं जीत भी जाती तो मेरी लाइफ में कुछ बदलने वाला नहीं था. लेकिन मैं ऐसी इकलौती ऐसी थी कंटेस्टेंट थी, जो Golden Apron के साथ बाहर हुई. तो मुझे इस बात की बहुत खुशी है. लेकिन जीतने के बाद भी मेरी जिंदगी ऐसी ही रहती. मेरा शो जीतने के बाद Restaurant खोलने का कोई प्लान नहीं था. 

उन महिलाओं के लिए क्या कहेंगी जिनकी जिंदगी सिर्फ किचन तक सीमित है?
मैं उन महिलाओं के लिए इतना कहना चाहती हूं कि अगर आप अपने काम की वैल्यू नहीं करेंगी तो कोई भी आपकी वैल्यू नहीं करेगा. सबको लगता है कुकिंग औरतों का काम है, लेकिन हर काम सभी को आना चाहिए. मैंने छोटे-छोटे कदम लिए और इतना आगे बढ़ी. मैंने कभी हार नहीं मानी. मैं सभी औरतों को यही कहूंगी कि धीरे-धीरे आगे बढ़ें और जब आप कुछ बन जाएंगी तो आपका काम ही आपकी पहचान बन जाएगा. 

बड़े-बड़े होटल में ज्यादातर मेल शेफ ही होते हैं, ऐसा क्यों?
वक्त बदल रहा है. पहले सारी इंडस्ट्री Male Dominated थी, लेकिन अब लोग आगे बढ़ रहे हैं और महिलाएं अपनी पहचान खुद बना रही हैं. होटल के किचन अब Women Friendly हो रहे हैं. एक शेफ किचन में फूल लगाकर जाती थी ताकि से लोगों को पता चल जाए कि आज किचन में एक फिमेल शेफ भी है. 

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement