सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले सबसे लोकप्रिय शोज में एक था CID. सस्पेंस थ्रिलर से भरी मजेदार कहानियों वाले इस शो को लोग पूरे परिवार के साथ देखा करते थे और इस शो के सभी किरदारों और उन्हें निभाने वाले कलाकारों की गजब की लोकप्रियता थी. बीपी सिंह के निर्देशन में बने इस शो के डेढ़ हजार से ज्यादा एपिसोड प्रसारित किए गए थे. शो के कुछ सबसे यादगार और एंटरटेनिंग सीन्स और डायलॉग्स में से एक था दया के दरवाजा तोड़ने का सीन.
सीआईडी की पूरी टीम हर मिशन को हल करते वक्त कभी न कभी ऐसे हालात में जरूर फंस जाती थी जहां कोई बंद दरवाजा होता था. ऐसे में एसीपी प्रद्युमन, पूर्वी या इंस्पेक्टर अभिजीत टीम के एक लंबे चौड़े नौजवान की तरफ देखते थे और कहते थे- दया दरवाजा तोड़ दो. दया एक ही लात में उस दरवाजे के परखच्चे उड़ा देता. शो में इंस्पेक्टर दया का किरदार निभाने वाले एक्टर का नाम भी संयोग से दयानंद ही है. दयानंद शेट्टी ने एक इंटरव्यू में बताया कि ये दरवाजा तोड़ने वाला आइडिया आया कहां से था.
दया से जब एक इंटरव्यू में पूछा गया कि उन्होंने अब तक कितने दरवाजे सीआईडी में तोड़े हैं तो उन्होंने बताया, "इसका तो मैंने कोई रिकॉर्ड नहीं रखा है लेकिन इसे गिनीज बुक में होना चाहिए. मैं दरवाजे 1998 से तोड़ते चला आ रहा हूं. जब हमने शुरू किया था तो एक सीक्वेंस बना जिसमें गेट बंद था तो मुझे दरवाजा तोड़ने को कहा गया. ये चीज लोगों के दिमाग में क्लिक कर गई. दरवाजा और भी लोग तोड़ते हैं. फ्रेडी ने भी दरवाजा तोड़ा है लेकिन पता नहीं क्यों पब्लिक को दया के दरवाजा तोड़ने वाले सीन अच्छे लगे."
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लाफा मारना भी हुआ मशहूर
दयानंद ने बताया कि ये बस यूं ही है कि उन्हें पसंद आने लगा तो हम चलाने लगे. वो एक ट्रेडमार्क बन गया और दरवाजे टूटते चले गए. दयानंद ने उदाहरण देते हुए बताया कि इसी तरह से टॉर्चर के दौरान लाफा मारने वाला सीन था. अब लाफा मारना कोई बड़ी चीज नहीं है. कोई भी मार सकता है. कॉन्सटेबल भी. लेकिन उन्हें दया का लाफा मारना पसंद आया.
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