हिंदी सिनेमा का वो मशहूर एक्टर, जिसने कुबूला 'मैं अपनी बीवी का गुनहगार हूं'

एक्टर सईद जाफरी ने एक दफा खुद ही अपनी निजी जिंदगी का खुलासा किया और अपने शादीशुदा जीवन की असफलता का दोषी खुद को ठहराया.

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सईद जाफरी सईद जाफरी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:05 AM IST

बॉलीवुड इंडस्ट्री में यूं तो बहुत सारे ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने तरह तरह से लोगों के दिल में जगह बनाई. मगर कुछ कलाकार ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी डायलॉग डिलीवरी के दम पर एक ख़ास मुकाम हासिल किया. ऐसा ही एक नाम है सईद जाफरी का. सईद ने अपनी उर्दू , हिंदी और अंग्रेजी के उच्चारण और बेबाक डायलॉग डिलीवरी से लोगों का दिल जीता.

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भले ही किसी फिल्म में उनका छोटा रोल रहा हो या फिर उन्हें कम स्क्रीन मिली हों, सईद अपनी मौजूदगी से फिल्म में वजन डाल देते थे. फिल्मों से अलग पर्सनल लाइफ में भी उनकी बेबाकी कम नहीं थी. सईद के जन्मदिन पर बता रहे हैं उनके निजी जीवन से जुड़े कुछ राज.

सईद जाफरी का जन्म 8 जनवरी , 1929 को हुआ था. बॉलीवुड के अलावा उन्होंने हॉलीवुड और ब्रिटिश सिनेमा में भी अपनी सक्रियता दर्ज कराई. उन्होंने अंग्रेजी फिल्म द गुरु से अपने करियर की शुरुआत की. सईद जाफरी ने साल 1977 में सत्यजीत रे की फिल्म satranj के खिलाड़ी में काम किया. इस फिल्म ने उन्हें खूब शोहरत दिलाई और उनके अभिनय को सराहा गया. उनके सामने फिल्म में दिग्गज अभिनेता संजीव कुमार थे.

इसके बाद उन्होंने चश्मेबद्दूर, मंडी, मासूम और राम तेरी गंगा मैली हो गई जैसी फिल्मों में काम किया. अधिकतर फिल्मों में सईद ने या तो पिता का रोल प्ले किया या फिर कुछ फिल्मों में वे नेगेटिव रोल प्ले किया था.

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सईद ने खुद को बताया था पत्नी का दोषी

सईद जाफरी ने एक दफा खुद ही अपनी निजी जिंदगी का खुलासा किया और अपने शादीशुदा जीवन की असफलता का दोषी खुद को ठहराया. सईद ने बताया कि उनकी पत्नी महरुनिमा उर्फ़ मधुर जाफरी के साथ उन्होंने नाइंसाफी की. वो अपनी पत्नी को कभी भी वो आज़ादी नहीं दे सके जिसकी वो हकदार थीं. सईद ने बताया कि वे चाहते थे कि उनकी बीवी थोड़ा मॉडर्न बने मगर ऐसा ना पाकर उन्होंने अपनी वाइफ से किनारा करना शुरू कर दिया.

 कई साल बाद उन्हें पता चला कि उनकी वाइफ एक बड़ी शेफ बन गई हैं. सईद की बेटियों ने उन्हें बताया कि उनके नए पिता ने मधुर की जिंदगी में सकारात्मकता का संचार किया जिसकी वजह से वे जीवन को नए दृष्टिकोण से देख सकीं और एक मुकाम तक पहुंच सकीं. इस वाकये ने सईद की आंखें खोल दीं और अपने गुजरे अतीत पर वो पछताने लगे.

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