10 साल पहले बनाई पार्टी, की भूख हड़ताल-निकाले मार्च, अब 'पावर स्टार' पवन कल्याण ने पॉलिटिक्स में दिखाई पावर

पवन कल्याण खुद तो पहली बार चुनाव जीते ही, उनके साथ ही उनकी पार्टी ने भी शानदार प्रदर्शन किया. तेलुगू इंडस्ट्री के बड़े सुपरस्टार पवन कल्याण एक कड़े राजनीतिक सफर के बाद इस कामयाबी तक पहुंचे हैं और इस राह में उन्होंने जनता से जुड़े कई बड़े मुद्दों को उठाया है.

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पवन कल्याण पवन कल्याण

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 06 जून 2024,
  • अपडेटेड 11:56 AM IST

मंगलवार को सामने आए लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में अधिकतर फिल्म स्टार्स का प्रदर्शन काफी दमदार नजर आया. जहां हेमा मालिनी और मनोज तिवारी ने अपनी-अपनी सीट्स पर लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की. वहीं अपना पहला चुनाव लड़ रहीं बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रानौत ने भी कमाल किया. 

मगर कल के लोक सभा नतीजों के शोर के बीच, एक और बड़े फिल्म स्टार ने अपने राज्य के विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत हासिल की. ये हैं तेलुगू इंडस्ट्री के 'पावर स्टार' पवन कल्याण

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पवन कल्याण (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

तेलुगू इंडस्ट्री को पवन कल्याण ने 'खुशी', 'गब्बर सिंह' और 'भीमला नायक' जैसी बड़ी सुपरहिट्स दी हैं. हिंदी ऑडियंस ने भी टीवी पर पवन की फिल्में खूब देखी हैं. हिंदी डबिंग में उनकी 'डेयरिंग बाज', 'सरदार गब्बर सिंह', 'पुलिसवाला गुंडा' और 'अनाड़ी खिलाड़ी' जैसी फिल्में टीवी पर खूब देखी गई हैं. 

मंगलवार को लोकसभा चुनावों के साथ ही, आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनावों के नतीजे भी आए. पवन कल्याण खुद तो पहली बार चुनाव जीते ही, उनके साथ ही उनकी पार्टी ने भी शानदार प्रदर्शन किया. तेलुगू इंडस्ट्री के बड़े सुपरस्टार पवन कल्याण एक कड़े राजनीतिक सफर के बाद इस कामयाबी तक पहुंचे हैं और इस राह में उन्होंने जनता से जुड़े कई बड़े मुद्दों को उठाया है. 

10 साल पहले बनाई अपनी पार्टी 
पवन के बड़े भाई, तेलुगू इंडस्ट्री के आइकॉन चिरंजीवी ने 2008 में 'प्रजा राज्यम पार्टी' बनाई थी. पवन को इसके यूथ विंग 'युवाराज्यम' का प्रेजिडेंट बनाया गया. लेकिन 2011 में चिरंजीवी ने अपनी पार्टी के साथ कांग्रेस में जा मिले. अपने भाई के इस फैसले से एक सांकेतिक विरोध जताते हुए पवन ने राजनीति से ही ब्रेक ले लिया. 

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2014 में उन्होंने खुद की पार्टी बनाई और नाम रखा जन सेना पार्टी. पवन ने बीजेपी के प्रधानमंत्री पद उम्मीदवार, नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और तेलुगू राज्यों के मुद्दों पर उनसे सपोर्ट मांगा. आंध्र प्रदेश में उन्होंने चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देसम पार्टी (TDP) को सपोर्ट किया मगर खुद चुनाव नहीं लड़ा. बल्कि वो राज्य की कांग्रेस सरकार का तगड़ा विरोध करते नजर आए. पवन ने नायडू के लिए रैलियां कीं और उन्हें कई जगह चुनाव जिताने में मदद की. नायडू की सरकार बनने के बाद भी पवन ने उनसे कोई डिमांड नहीं की, बल्कि जनता से अपील की कि वो अमरावती और पोलावरम के विकास के लिए जमीन अधिग्रहण में सरकार का सहयोग करें.

पवन कल्याण (क्रेडिट: सोशल मीडिया)

किडनी की बिमारी के लिए लगातार किया कैम्पेन
पवन ने आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में आने वाले, उद्दानम क्षेत्र में फैल रही किडनी की एक रहस्यमयी बीमारी के लिए लगातार आवाज उठाई. 2018 में वो इस रोग पर रिसर्च और इसके इलाज की मांग को लेकर, उसी TDP सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठ गए, जिसे वो सपोर्ट कर रहे थे. 

उन्होंने दावा किया कि इस बीमारी से दो दशकों में करीब 20 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. इससे एक साल पहले भी पवन उद्दानम जाकर वहां के हालात देख चुके थे और उन्होंने सरकार को दो दिन की डेडलाइन दी थी कि वो इस बीमारी के पीड़ितों की मदद शुरू करे.

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वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाईजेशन (WHO) के अनुसार 'उद्दानम नेफ्रोपैथी' सबसे कम समझी गई नेफ्रोपैथी है और इसके बारे में लोगों में सबसे कम जागरुकता है. ये बीमारी शुरू कैसे हुई इसके बारे में भी कोई जानकारी नहीं है. पवन के कैम्पेन का ये असर हुआ कि सरकार ने किडनी पेशंट्स के लिए डायलिसिस सेंटर खोले और उनके लिए पेंशन स्कीम शुरू की. 

जनता के साथ खड़े रहे फिर भी हारे चुनाव
पवन ने केमिकल इंडस्ट्रीज के आसपास के इलाकों में रह रहे लोगों की समस्याओं को सामने लाने में भी बड़ी भूमिका निभाई. ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को प्राइवेट किए जाने के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे मजदूरों का पवन ने सपोर्ट किया और प्रधानमंत्री मोदी को इस मामले में खत भी लिखा.

उन्होंने सूखा पीड़ित इलाकों में आत्महत्या करने वाले किसानों और कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के लिए कई मार्च निकाले हैं. पवन ने जंगलों में चल रहे अवैध खनन को भी एक्सपोज किया. मगर इन सबके बावजूद, 2019 में उनकी पार्टी आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनावों में 140 सीटों पर लड़ी और सिर्फ एक सीट ही जीत पाई. उस चुनाव में पवन खुद दो सीटों पर चुनाव लड़े और हार गए. 

लेकिन इसके बावजूद पवन का हौंसला कम नहीं हुआ और वो लगातार अपने स्टाइल की पॉलिटिक्स करते रहे. 2020 में पवन की जन सेना पार्टी ने बीजेपी से फिर हाथ मिलाया. दोनों पार्टियों ने 2024 का चुनाव साथ लड़ा और इस बार पवन की पार्टी ने शानदार जीत हासिल की. जन सेना पार्टी ने 21 विधानसभा सीटों और 2 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और 100% स्ट्राइक रेट के साथ इन सभी सीटों पर जीत हासिल की. और फाइनली, पवन कल्याण को खुद भी पिथापुरम सीट से जीत हासिल हुई. 

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जल्द ही थिएटर्स में भी मचाएंगे धमाल
अब पॉलिटिक्स की पावर के साथ पवन जल्द ही सिनेमा के पर्दे पर भी जलवा दिखाने को तैयार हैं. उनकी फिल्म 'OG' 27 सितंबर को रिलीज होनी है और इसी साल वो एक और फिल्म 'हरि हर वीर मल्लू' में भी लीड रोल निभाते दिखेंगे. पवन की एक और फिल्म 'उस्ताद भगत सिंह' इसी साल रिलीज होनी थी, मगर इसे अगले साल के लिए टाल दिया गया है. 

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